इंडिया टुडे के हिंदी चैनल ‘आज तक’ के रिपोर्टर ने अपनी रिपोर्ट में हाथरस केस में बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि आरोपित रामू घटना के समय गाँव में नहीं था! जिस डेयरी प्लांट में वो नौकरी करता था उसके मालिक ने बताया कि घटना के वक्त रामू प्लांट पर काम कर रहा था, उसे 25 से भी ज़्यादा लोगों ने प्लांट पर देखा था।

डेयरी प्लांट के मालिक का कहना है कि रामू फैक्ट्री में काम कर रहा था और उस गाँव में मौजूद भी नहीं था जहाँ यह घटना घटी। रामू के बारे में पूछे जाने पर प्लांट के मालिक का कहना है कि रामू को सुनने में थोड़ी कठिनाई है, मगर वह सीधा आदमी है।

ज़ी न्यूज़ ने भी अपने रिपोर्ट में बताया है कि शिफ्ट मैनेजर के अनुसार, रामू की उपस्थिति 14 और 15 सितंबर, दोनों दिन के लिए उपस्थिति कैलेंडर में अंकित है, जो यह साबित करता है कि हाथरस में अपराध के दौरान वह उपस्थित नहीं हो सकता। बता दें कि रामकुमार (रामू) मुख्य आरोपित संदीप का चाचा है।

रामू के पिता राकेश ने कहा कि उनका बेटा किसी भी कथित बलात्कार या सामूहिक बलात्कार में शामिल नहीं था। एक ही परिवार का होने के कारण उन्हें मामले में फँसाया गया है। हाथरस पीड़िता को अपनी बेटी बताते हुए, राकेश ने ज़ी न्यूज़ से कहा कि अगर उनका बेटा सामूहिक बलात्कार का दोषी है, तो उस पर कोई मुक़दमा चलाने के बजाय गोली मारकर उसकी हत्या कर दी जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि वह रामू को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर उसके बेटे के खिलाफ सामूहिक बलात्कार के आरोप साबित होते हैं, तो उसे मार दिया जाना चाहिए।

इसके अलावा, रामू के पिता राकेश कुमार का यह भी कहना है कि रामू को पहले हिरासत में लिया गया था और फिर रिहा कर दिया गया था। हालाँकि, केवल कुछ दिनों बाद जब बलात्कार के आरोप जोड़े गए, तो उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। राकेश कुमार ने एसआईटी पर पूरा भरोसा जताया और कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि मामले की सच्चाई सामने आ जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पुलिस के अनुसार मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है। अब इंडिया टुडे के हिंदी चैनल Aaj Tak द्वारा किए गए दावे कि एक आरोपित गाँव में मौजूद नहीं था से यह सवाल फिर से खड़ा होता है कि वास्तव में हाथरस में क्या हुआ था।