बाबा रामदेव ने कहा है कि वैक्सीन में ना तो गाय की चर्बी है और ना ही सूअर की चर्बी है। यह हिंदू-मुसलमान का मसला ही नहीं है। यह विशुद्ध रूप से एक वैज्ञानिक रिसर्च का मसला है। इससे किसी भी तरह की मजहबी ताल्लुकात को नहीं जोड़ना चाहिए। दरअसल ‘न्यूज 18’ को दिए गए एक साक्षात्कार में बाबा रामदेव ने एंकर अमिष देवगन से कहा कि ‘मैं तो वैक्सीन लेना वाला नहीं हूं, क्योंकि मुझे इसकी जरुरत नहीं है।’

बाबा रामदेव ने बातचीत के दौरान कहा कि ‘मैं चैनल पर खुलेआम ऐलान करता हूं कि मैं वैक्सीन का उपयोग नहीं करूंगा क्योंकि मुझे इसकी आवश्यका कतई नहीं है। मुझे कोरोना भी नहीं होगा। मैं कई लोगों से मिलता हूं और थोड़े-बहुत प्रिकॉशन भी लेता हूं, कोरोना के चाहे कितने भी अवतार आ जाएं मुझे कुछ नहीं होगा…स्वामी रामदेव का योगावतार जिंदाबाद।’

साक्षात्कार के दौरान स्वामी रामदेव से जब पूछा गया कि कोरोना धीरे-धीरे कम हो रहा है लेकिन इसके नए स्ट्रेन ने तनाव बढ़ाया है तो क्या आपको लगता है कि कोरोना इस साल के शुरुआत में ही भारत से चला जाएगा? इसके जवाब में रामदेव ने कहा कि अभी 2021 तक आम लोगों को वैक्सीन मिलने की संभावना ना के बराबर है। उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन दवा नहीं बल्कि बचाव है। उन्होंने आगे कहा कि ‘मैं वैक्सीन का विरोध नहीं कर रहा हूं, लेकिन अभी यह नहीं पता कि वैक्सीन 6 महीने बाद, कितने दिनों तक इम्यूनिटी को बरकार रखेगी लेकिन योग से इम्यूनिटी हमेशा बरकरार रहेगी।’

योग गुरु ने कहा कि ‘कोरोना से डरकर रहने की जरुरत नहीं है। जिन्हें कई तरह की बीमारियां हैं वो योग भी करते रहें। इसके अलावा जिन्हें जरुरत है वो वैक्सीन जरुर लगवाएं। मैं इसके ना तो पक्ष में हूं और ना हीं विपक्ष में। जिन्हें जरुरत है वो वैक्सीन जरुर लगाएं। बाकी जो सरकार और दवा कंपनी करेगी उसके परिणाम जल्द सामने आएंगे और मैं चाहता हूं कि सब अच्छा हो।’

Source: Jansatta