बंगाल में चुनाव नतीजों के आने के बाद से ही हिंसा का दौर जारी है। 2 और 3 मई को बंगाल के विभिन्न हिस्सो से हिंसक वारदातों और BJP कार्यकर्ताओ की हत्या की खबर आती रही। रविवार शाम से सोमवार रात तक विभिन्न हिस्सों में हिंसा की घटनाएं घटी हैं। इन घटनाओं में 11 लोगों के मारे जाने की खबर है। भाजपा का आरोप है कि इनमें नौ उसके कार्यकर्ता हैं। शिवपुर-हावड़ा में भाजपा समर्थक की दुकान में दिन-दहाड़े लूट का मामला भी प्रकाश में आया है। इन सभी घटनाओं में आरोप तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगा है।

इस बीच दिल्ली से बीजेपी सांसद परवेश साहिब सिंह ने सोमवार को आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की जीत के बाद पार्टी के ‘गुंडों’ ने बीजेपी (BJP) कार्यकर्ताओं की पिटाई की है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए प्रतिद्वंद्वी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को चेतावनी दी है कि उसके सांसदों, मुख्यमंत्री और विधायकों को भी दिल्ली आना है।

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निशाना बनाते हुए पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद ने ट्वीट किया, ‘टीएमसी के गुंडों ने चुनाव जीतते ही हमारे कार्यकर्ताओं को जान से मारा, बीजेपी कार्यकर्ताओं की गाड़ियाँ तोड़ीं, घर में आग लगा रहें हैं. याद रखना टीएमसी के सांसद , मुख्यमंत्री , विधायकों को दिल्ली में भी आना होगा, इसको चेतावनी समझ लेना. चुनाव में हार जीत होती है, मर्डर नहीं.’

बंगाल हिंसा पर बंगाल भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद यहां हिंसा की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। उन्होंने दावा किया कि तृणमूल की जीत के बाद से करीब 700 गांवों में हिंसा हुई है, महिलाओं से दुष्कर्म की घटनाएं हुई हैं और भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि एक विशेष वर्ग के लोगों ने पूरे राज्य में अराजकता का माहौल बना दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति को भारत और पाकिस्तान बंटवारे के समय रही होगी।