एनडीटीवी इंडिया के एंकर व पत्रकार रवीश कुमार इन दिनों सोशल मीडिया में काफी सक्रिय दिखाई दे रहे है। कोरोना के बिगड़ते हालात पर मोदी सरकार और भाजपा शासित राज्यो पर जमकर निशाना साध रहे है। उन्होंने पिछले दिनों फेसबुक पर एक पोस्ट डाला है जिसमें उन्होंने लखनऊ को लाशनऊ तक कह डाला। रविश कुमार के इस पोस्ट पर कुमार के पूर्व सहकर्मी सुशांत सिन्हा ने यूट्यूब वीडियो के माध्यम से उन्हें करार जवाब दिया है।

दरअसल सुशांत सिन्हा ने रविश के पोस्ट में प्रयोग किये गए शब्दों और भाषा को लेकर उन्हें जवाब दिया है। जंचे हमने रविश कजमार के पोस्ट के कुछ अंश सलग्न किये है जिसपर सुशांत सिन्हा ने अपनी नाराजगी जाहिर करी है।

रविश कुमार ने लिखा:-
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लखनऊ बन गया है लाशनऊ, धर्म का नशा बेचने वाले लोगों को मरता छोड़ गए
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भारत को विश्व गुरु बनाने के नाम पर भोली जनता को ठगने वालों ने उस जनता के साथ बहुत बेरहमी की है। विश्व गुरु भारत आज मणिकर्णिका घाट में बदल गया है। जिसकी पहचान बिना आक्सीजन से मरे लाशों से हो रही है। अख़बार लिख रहे होंगे कि दुनिया में भारत की तारीफ़ हो रही है। आम और ख़ास हर तरह के लोगों को अस्पताल के बाहर और भीतर तड़पता छोड़ दिया है। शनिवार को लखनऊ में वरिष्ठ पत्रकार विनय श्रीवास्तव ट्विटर पर मदद मांगते रहे। बताते रहे कि आक्सीजन लेवल कम होता जा रहा है। कोई मदद नहीं पहुंची और विनय श्रीवास्तव की मौत हो गई। धर्म की राजनीति के नाम पर लंपटों की बारात सजाने वाले इस देश के पास एक साल का मौका था। इस दौरान किसी भी आपात स्थिति के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था को तैयार किया जा सकता था। लेकिन नहीं किया गया। इस बार की हालत देखकर लगता है कि भारत सरकार ने कोविड की लहरों को लेकर कोई आपात योजना नहीं बनाई है। दरअसल अहंकार हो गया है और यह वास्तविक भी है कि लोग मर जाएंगे फिर भी धर्म के अफीम से बाहर नहीं निकलेंगे और सवाल नहीं करेंगे। लखनऊ अब लाशनऊ बन गया है। दूसरे शहरों का भी यही हाल है। हालत यह है कि बीजेपी से जुड़े लोग भी अपनों के लिए अस्पताल और आक्सीजन नहीं दिलवा पाए।

रविश द्वारा लखनऊ को लाशनऊ कहे जाने पर सुशांत सिन्हा ने कहा “रविश कुमार बहुत बड़े और क्रिएटिव पत्रकार है। यहा लखनऊ में लोग मर रहे है और ये क्रिएटिविटी दिखा रहे है, लखनऊ को लाशनऊ एक नया नाम दे रहे है।” आगे सुशांत ने कहा कि वह जो 60000 महाराष्ट्र में मर गए उसका नाम देते नही बनता है। पंजाब में लोग मर रहे है बोलते नही बनता है। छत्तीसगढ़ के हालात पर बोलते नही बनता है।

सुशांत सिंह के वीडियो का अंश:

सुशांत ने रविश की पोस्ट की एक अन्य लाईन का जिक्र करते हुए कहा “नीचे लाईन दखिये, इतना जहर भरा है इस आदमी के अंदर ‘धर्म की राजनीति के नाम पर लंपटों की बारात सजाने वाले इस देश के पास एक साल का मौका था।’ इसपर सुशांत ने कहा कि “बिलकुल सही कह रहे है आप लेकिन इससे बड़ी लंपटई तो आप लोग कर रहे थे, जो किसान आंदोलन में जा जाकर के दिख रहे थे कि ये दखिये मोदी के विरोध में उतरे किसान, इतना बड़ा आंदोलन क्या उस समय करोना नही था।”