बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने पिछले महीने पुलिस सेवा से VRS ले लिया था और तब से यही कयास लगाये जा रहे थे कि वो बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। गुप्तेश्वर पांडेय ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत जनता दल यूनाइटेड से कर भी दी। उन्होंने वीआरएस लेने के महज 5 दिन के अंदर ही नीतीश कुमार की पार्टी में शामिल हो गए।

बक्सर से चुनाव लड़ने की थी चर्चा:
अब जब NDA में बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों का बंटवारा हो चुका है और दोनों ही पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों के नाम भी लगभग तैयार कर ली है और बहुत से उमीदवारों की घोषणा भी हो चुकी है।

आपको बता दे बक्सर जिले की 4 विधानसभा सीटों में से दो डुमराव और राजपुर (SC) जेडीयू के कोटे में आई है। जेडीयू ने इन दोनों सीटों से अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है. एक तरफ जहां डुमराव से अंजुम आरा को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है तो वहीं दूसरी तरफ राजपुर से बिहार सरकार के मंत्री संतोष निराला पार्टी के उम्मीदवार हैं।

बक्सर जिले की बाकी दो सीटें (ब्रह्मपुर और बक्सर) बीजेपी के खाते में गई हैं. इससे एक बात अब स्पष्ट हो चुकी है कि जेडीयू में शामिल हुए गुप्तेश्वर पांडे को पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया है और उन्हें फिलहाल छोड़ दिया है।

अब बीजेपी से गुप्तेश्वर पांडे को उम्मीद! सूत्रों के मुताबिक गुप्तेश्वर पांडे अब ब्रह्मपुर या बक्सर सीट से चुनाव लड़ने के लिए जुगत लगा रहे हैं. गुप्तेश्वर पांडे पटना से लेकर दिल्ली तक बीजेपी से टिकट पाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं। गौरतलब है कि बीजेपी ने पहले चरण के चुनाव के लिए जिन सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें अभी ब्रह्मपुर और बक्सर से उम्मीदवारों के नाम तय नहीं किये गये हैं।

ऐसे में गुप्तेश्वर पांडे के लिए उम्मीद की किरण अभी बाकी है. अगर बीजेपी उन्हें किसी एक सीट से अपना उम्मीदवार बना दे तो जिस पार्टी में वह टिकट की आस लेकर शामिल हुए थे उस पार्टी ने तो गुप्तेश्वर पांडे को विधानसभा चुनाव में पैदल कर दिया।

दिलचस्प बात है कि 2009 में भी गुप्तेश्वर पांडे ने पुलिस सेवा से वीआरएस लेकर बक्सर चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी से टिकट की मांग की थी मगर उन्हें टिकट नहीं मिला था। इसके 9 महीने के बाद गुप्तेश्वर पांडे ने अपना वीआरएस वापस ले लिया था और पुलिस सेवा में दोबारा बहाल हो गए थे।

Source: Aaj Tak