गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने ऐलान किया है कि ड्रैगन फ्रूट को अब राज्य में कमलम के नाम से जाना जाएगा क्योंकि बाहर से इसका आकार कमल की तरह होता है। इसके बाद सोशल मीडिया पर बीजेपी समर्थक इसे सराहनीय कदम बता रहे है तो दूसरी ओर विपक्ष हमलावर रुख अपनाए हुए है और विपक्षी बोल रहे है कि चीन से बदला ले लिया।

विजय रुपाणी ने फ्रूट का नाम बदलने का ऐलान करते हुए कहा था कि यह फल कैक्टस पर उगता है। इसका नाम ठीक नहीं है इसलिए इसे बदल देना ही ठीक है। इसको बाहर से देखने पर कमल जैसा लगता है इसलिए फल का नाम कमलम होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इससे राजनीति का कोई ताल्लुक नहीं है। भारत में यह फल मुख्य तौर पर दक्षिण अमेरिका से आयात करके लाया जाता है।

सीएम विजय रुपाणी (Vijay Rupani Twitter) के फैसले पर मशहूर लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) का रिएक्शन आया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “‘गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री ने बताया है कि ड्रैगन फ्रूट कमल के फूल जैसा दिखता है तो इसका नाम कमलम होना चाहिए. शानदार. पहले शहरों के नाम और अब फल भी. मुझे इसमें कोई ताज्जुब नहीं होगा कि किसी दिन इंसानी अंगों के नाम भी बदल दिए जाएं तो. वाकई यह काफी मजेदार होगा.'”

जावेद अख्तर (Javed Akhtar Twitter) के इस ट्वीट पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. बता दें, ड्रैगन फ्रूट को लेकर सरकार का मानना है कि किसी फ्रूट का नाम ड्रैगन नहीं होना चाहिए. कुछ सालों से गुजरात के कच्छ समेत कई इलाकों में किसान ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit Name Changes To Kamalam) की खेती कर रहे हैं. यहां बड़ी मात्रा में ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन भी हो रहा है. इसलिए लाल और गुलाबी रंग के इस फल को कमलम कहा जाएगा.