किशनगंज. पश्चिम बंगाल में भीड़ द्वारा किए गए हमले में शहीद हुए बिहार के जांबाज पुलिस इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार (Inspector Ashwini Kumar Murder Case) की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल थानेदार की हत्या करने वाले भीड़ को वहां की एक मस्जिद से बकायदा अनाउंस करके जुटाया गया था. इस बात की जानकारी किशनगंज के एसडीपीओ जावेद अंसारी ने दी है. एसडीपीओ के मुताबिक दो लोगों ने हल्ला कर पहले लोगों को बुलाया और फिर देखते ही देखते भीड़ जमा हो गई. एसडीपीओ ने कहा कि थानाध्यक्ष की हत्या करने के मामले में मस्जिद से ऐलान कर लोगों को इकट्ठा किया गया था कि चोर आ गए हैं, डाकू आ गए हैं जिसके बाद भीड़ ने हमारे थानेदार की पीट-पीटकर हत्या कर दी.

थानेदार के मुताबिक इस मामले में अब तक पश्चिम बंगाल से पांच जबकि बिहार से तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई है. मस्जिद से अनाउंस कर भीड़ इकट्ठा करने के मामले में पुलिस ने मास्टर माइंड फिरोज और इजराइल थे जिनको भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मालूम हो के बंगाल के ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के पंतापाड़ा गांव में बाइक चोरी मामले में छापेमारी करने गयी पुलिस टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया था. मॉब लींचिंग की इस घटना में किशनगंज टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की मौके पर ही मौत हो गई थी.

मॉब लीचिंग और पुलिस टीम पर हमले की ये घटना शनिवार की अहले सुबह 3 बजे हुई थी. बाइक लूट में छापेमारी करने गए थे. शहीद अश्विनी कुमार 94 बैच के दारोगा थे बाद में उनकी इंस्पेक्टर पद पर प्रोन्नति हुई थी. पुलिस ने इस केस में आरोपी फिरोज आलम, भाई अबुजर आलम व फिरोज आलम की मां शाहीनूर खातून को गिरफ्तार किया था.

साथी पुलिसकर्मियों पर भी एक्शन-
लापरवाही बरतने और थानेदार को अकेला छोड़कर भागने वाले पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया गया है. इस मामले में बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी से भी बात की है. थानेदार की हत्या की खबर सुनते ही उनकी मां की भी मौत हो गई थी जिसके बाद रविवार को दोनों के शव का एक ही साथ अंतिम संस्कार किया गया था.