कोरोना काल के दौरान लोगों की सैलरी कटी, नौकरियां गई, काम धंधा ठप हो गया। लेकिन इसी दौरान कुछ ऐसी सच्ची और प्रेरणादायक कहानियां भी सुनने को मिली जिसने लोगों को फिर से उठने की एक तरह से हिम्मत दी, सहारा दिया। ऐसी ही एक कहानी है कोल्हापुर की रहने वाली Amruta Karande की। उनके पिता ऑटो ड्राइवर हैं। कोरोना काल के दौरान ही अमरुता की जॉब लगी। हैरत आपको यह जानकर होगी कि उनका सालाना पैकेज 41 लाख रुपये है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, उनकी उम्र महज 21 बरस है। अभी वो सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स के चौथे वर्ष में पढ़ाई कर रही है। वो कोल्हापुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेकनोलॉजी में पढ़ रही हैं। इसी दौरान उनकी प्री प्लेसमेंट हुई। उन्हें यूएस की सॉफ्टवेयर कंपनी Adobe ने बतौर सॉफ्टवेयर डिवलेपमेंट इंजीनियर के तौर पर हायर किया है।

अमरुता के मिडिल क्लास परिवार से आती हैं। उनके पिता विजय कुमार ऑटो चलाते हैं। वो कहती हैं, ‘मेरे माता-पिता ने मुझे पढ़ाने के लिए काफी संघर्ष किया है। मुझे खुशी है कि मैं उन्हें खुश कर पाई। भारत में सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मैं शोध करना चाहती हूं।’

KIT के चेयरमैन सुनील कुलकर्णी ने बताया कि अमरुता का पहले कोडिंग कंपटीशन में ‘सी’ रैंक आया था। इसके बाद उन्हें ढाई महीने की इंटर्नशिप मिली। बाद में इसके दौरान ही उनके कई टेस्ट हुए जिसमें वो पास हुई। इसके बाद उनकी प्लेसमेंट हुई। उन्होंने बताया कि पश्चिमी महाराष्ट्र में किसी लड़की को पहली बार इतना हाई पैकेज मिला है।

उनके पिता विजय कुमार ने बताया कि उनकी बेटी पढ़ाई में काफी होशियार है। एसएससी में उसके 97 प्रतिशत अंक लिए थे। वो पहले डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन बाद में उनका इंटरेस्ट सॉफ्टेवयर इंजीनियरिंग की ओर हुआ। फिलहाल उनके पेरेंट्स बेटी की इस सफलता से काफी खुश हैं।