केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए कृषि कानूनों (Agriculture Laws) को लेकर किसानों का आंदोलन आज 28 वें दिन भी जारी है। वहीं इसी को लेकर लगातार विपक्षी पार्टियों की ओर से केंद्र सरकार पर कृषि कानूनों को लेकर निशाना साधा जा रहा है। इसी बीच कांग्रेसी विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने इन कानूनों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने कृषि कानूनों को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि “राजा इतना भी फकीर मत चुनों की कोई भी व्यापारी उसे अपनी जेब में रख ले ”

बता दे कि इन 20 कृषि कानूनों को लेकर लगातार विपक्षी पार्टियों की ओर से केंद्र सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। ऐसे में अगर नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की बात करें तो उनके द्वारा लगातार इन कानूनों को लेकर सरकार का विरोध किया जा रहा है। वहीं इससे पहले भी कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंबानी व अड़ानी के हाथ की कठपुतली बताया था। वह इसी के साथ ही कांग्रेसी नेता ने आरोप लगाए थे कि इन तीन कृषि कानून मोदी सरकार सिर्फ अंबानी व अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए लेकर आई है।

सिद्धू को जबाब देते हुए विचित्र कुमार नाम के यूजर ने जबाब देते हुए लिखा, “28दिन हो गए
किसान काम छोड़ कर आंदोलन में व्यस्त है तो अभी तक फलसब्जियो के भावों को आसमान छू लेना चाहिए था, बल्कि कई जरूरत की चीजों के दाम कम हो रहे हैं जबकि खपत वही क्योंकि किसान खेतोमें हमारे लिए काम कर रहा है बॉर्डर पर मसाज नही लेरहा काला-बाजारी करने वाले दलाल गायब है”

राष्ट्रवादी दीपक कंडवाल ने जवाब देते हुए लिखा, “ईमान इतना भी सस्ता मत रखो कि जिस बंदे का नामकरण “पप्पू” किया हो बाद में उसी के चरणों में लेटना पड़े और उसकी पार्टी का जोकर बनना पड़े..”

गौरतलब है कि किसान आंदोलन के 28 दिन बीत चुके है। वहीं इस कड़ाके की ठंड में हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। ऐसे में सरकार की ओर से कई बार किसानों के साथ टेबल टॉक कर समझौता करने की कोशिश की गई। लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं निकाला गया। वहीं भाजपा के द्वारा लगातार यही कहा जा रहा है कि यह कृषि बिल (Agriculture Laws) किसानों के हित में है, लेकिन किसान इन कानूनों को रद्द कराने की बात पर अड़े हुए हैं।