पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की सख्ती से सहमी सरकारी डॉक्टर ने नौकरी ही छोड़ दी। फतेहगढ़ चूड़ियां में तैनात गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. प्रज्ञा खनूजा ने विभाग से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को पहले सिस्टम सुधारना चाहिए था। हमें दवाईयां और सुविधाएं देते। इसके बाद सख्ती करते। उन्होंने कहा कि दूसरे डॉक्टरों के साथ कुछ लोगों का व्यवहार देख मैं डर गई थी। इसलिए मैंने यह कदम उठाया।

डॉ. प्रज्ञा खनूजा ने कहा कि मेरी 2 बेटियां छोटी हैं। कोरोना के बाद स्कूल वालों ने वैन बंद कर दी है। बच्चों को पिक एंड ड्रॉप करना मुश्किल हो गया था। मेरे पास कोई आदमी नहीं था। नई सरकार बनने के बाद 11 मार्च से चिटि्ठयां आ गई कि सुबह 8 बजे अस्पताल पहुंचो। 2 बजे से पहले जाना नहीं है। उसमें मुझे मुश्किल यह आ रही थी कि बच्चों को छोड़ने और ले जाना होता है। ऐसे में किसी वक्त देरी भी हो जाती थी। ऐसे में मुझे भी मुश्किल होगी। इसलिए मैंने नौकरी छोड़ने का फैसला ले लिया।

पहले डॉक्टर की दिक्कत तो पूछ लेते
मैं सरकार से भी कहना चाहती हूं कि अरविंद केजरीवाल अच्छे मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्होंने दिल्ली में काफी सुधार किया। मेरी विनती थी कि सरकार ने आते ही चिटि्ठयां निकालनी शुरू कर दी। किसी के साथ ऊंचा नहीं बोलना। मरीज को रेफर नहीं कर सकते। दवाईयां बाहर से नहीं लिखनी। यह करने से पहले हमें भी तो मिलते। सीधे मरीजों को कहना कि हमें शिकायत करो, पहले डॉक्टर की दिक्कत तो सुनते।

सुविधा उपलब्ध करवाते और फिर प्रैशर बनाते
पहले हमें दवाई और सुविधाएं उपलब्ध करवाते, फिर तो प्रैशर समझ आता। यह तो सीधे ही आदेश दे दिए गए। मेरे साथ कुछ नहीं हुआ लेकिन दूसरे डॉक्टर को कहा गया कि यहां से बदल देंगे। मैंने 7-8 साल से काम कर रही हूं। अंदर से टेस्ट और दवाएं लिखी। पहले सिस्टम की कमियां दूर कर फिर इस तरह के आदेश देने चाहिए थे। मैं टीचरों और डॉक्टरों के साथ हुए व्यवहार से डर गई। कोई मेरे खिलाफ आरोप लगा दे। मेरे छोटे बच्चे भी हैं, इसलिए मैं नौकरी छोड़ रही हूं।

SMO बोले- निजी और घरेलू कारणों की वजह से छोड़ी नौकरी
इस मामले में SMO डॉ. लखविंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने निजी और घरेलू कारणों से इस्तीफा दिया है। इस बारे में विभाग को रिपोर्ट भेजी जा रही है। डॉक्टरों की कमी के बारे में भी विभाग को लिखकर भेज दिया है।

Source: Dainik Bhasker