भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने फिर कहा कि केंद्र किसान आंदोलन को लेकर किसी भी गलतफहमी न रहे। हरियाणा के खरक पूनिया में आयोजित महापंचायत में टिकैत ने कहा कि केंद्र न सोचे कि किसान फसल की कटाई के लिए वापस चले जाएंगे और आंदोलन खत्म हो जाएगा।

टिकैत ने कहा कि हम अपनी फसलों को जला देंगे लेकिन वापस नहीं जाएंगे। सरकार यह न सोचे कि विरोध दो महीने में खत्म हो जाएगा। हम फसल कटाई के साथ-साथ विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि फसलों की कीमतों में वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन ईंधन की कीमतें बढ़ गई हैं। जरूरत पड़ी तो हम अपने ट्रैक्टरों को पश्चिम बंगाल में भी ले जाएंगे। किसानों को वहां भी एमएसपी नहीं मिल रही है।

खरकपुनिया गांव में राकेश टिकैत ने किसानों से आह्वान किया कि उन्हें एक फसल की कुर्बानी देनी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार कहती है फसल की कटाई का समय आ गया है, इसलिए किसान वापस गांव चले जाएंगे, लेकिन किसान फसल की कुर्बानी देने को तैयार रहें। किसानों ने भी हाथ उठाकर टिकैत की बात का समर्थन किया।

टिकैत ने कहा कि अगर नौबत आई तो किसान अपने कृषि यंत्रों के साथ दिल्ली पहुंचेगा। इसके लिए किसानों को जागरूक भी किया जाएगा। 40 हजार किसानों को ट्रैक्टर के साथ इकट्ठा किया जाएगा। इसके बाद राकेश टिकैत बालसमंद में भी किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे। फिलहाल वह बालसमंद में नहीं पहुंचे हैं।