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उनके नाम से वायरल हो रहे Video पर बोले रवीश कुमार – मुझे बदनाम करने के लिए कितना पीछे जा चुके हैं..

ट्विटर और फेसबुक पर 19 सेकंड का एक वीडियो धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है। लोग उस वीडियो को ट्वीट और शेयर कर दावा कर रहे है कि इस वीडियो में पत्रकार रवीश कुमार हैं। यूजर्स वीडियो के साथ कैप्शन में लिख रहे है “इस मसीहा पत्रकार को पहचानते हैं? ये दुनिया को पत्रकारिता पर ज्ञान देने की खान हैं। इन्हें आजकल की पत्रकारिता इन्हें मज़ाक़ लगता है।”

जिस वीडियो पर रवीश कुमार को ट्रोल किया जा रहा है उसमें वह हैं ही नहीं। इस वीडियो को उनके नाम से वायरल करने का जिम्मेदार रवीश कुमार ने आईटी सेल को बताया है। रवीश कुमार ने लिखा कि आई टी सेल ने जिस तरह से इस वीडियो को वायरल किया है उससे पता चलता है कि उनकी मानसिकता क्या है। वह चाहते हैं कि अपने लोगों को बाड़े में घेर कर रखो, उन्हें झूठ की सप्लाई देते रहो वर्ना वे भेड़ से घोड़ा बन जाएंगे। देखें वायरल हो रहा वीडियो और पढ़ें रवीश कुमार का पोस्ट:

रवीश कुमार ने लिखा है:

 “तो आपने रवीश कुमार के बारे में झूठ का नया वीडियो देखा ? जबलपुर से बीजेपी के विधायक हैं सुशील इंदु तिवारी। इन्होंने एक वीडियो ट्वीट किया है कि उसमें मैं हूँ। जबकि मैं नहीं था। यह एक पैटर्न के तहत किया जाता है ताकि इनके समर्थकों की सोचने की शक्ति कभी पनप न सके। ये लोग ऐसे वीडियो डाल कर टेस्ट करते हैं कि मूर्ख बना हुआ है या नहीं। दो तीन लोगों ने ऐसे वीडियो भेज कर पूछा जैसे मैंने पत्रकारिता का नाश कर दिया हो उस वीडियो में जिसमें मैं था ही नहीं।

यह वीडियो मेरे बारे में कम अपने समर्थकों के बौद्धिक विनाश के बारे में ज़्यादा है। विधायक के बाद जिस तरह आई टी सेल की मानसिकता वालों ने इसे ट्वीट किया है उससे पता चलता है कि अपने लोगों को बाड़े में घेर कर रखो, उन्हें झूठ की सप्लाई देते रहो वर्ना वे भेड़ से घोड़ा बन जाएंगे।

आप सोचिए कि ये लोग मुझे लांछित करने के लिए कितना पीछे जा चुके हैं। 17 साल पुराने वीडियो में मुझे ढूंढ़ा जा रहा है। हैं न कमाल। ये क्यों किया जा रहा है ? क्योंकि गोदी मीडिया की अश्लीलताओं को सही ठहराया जा सके। ये चाहते हैं कि सब मिट जाएं और मिट्टी में मिल कर एक जैसे हो जाएं ताकि कोई भेद न रहें। मेरे बारे में आई टी सेल की मेहनत कमाल की है।

विश्व गुरु भारत का मीडिया दो कौड़ी का मीडिया है। इसे महान बनाने के लिए रवीश कुमार का 17 साल पुराना वीडियो ढूंढा जा रहा है। जब नहीं मिलता है तो कुछ मिलता-जुलता ढूंढ़ा जा रहा है। लगे रहिए इसी में। रिज़ल्ट आएगा ज़ीरो ही। पांच ट्रिलियन बकते बकते माइनस में चली गई है जीडीपी। झूठ पर टिका वर्तमान भविष्य को ऐसे ही गड्ढों में गिरा देता है।”

जानिये इस वीडियो की सच्चाई:
दरअसल, इस वीडियो को NDTV ने अगस्त, 2013 में एक ब्लूपर्स वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किया था। जिसके जरिये बताया गया है कि ये 2006 का है। अगर आप इस पूरे वीडियो को देखेंगे तो पता चलेगा कि यह वीडियो रवीश कुमार की नही बल्कि कश्मीर के एक पत्रकार नियाज बुखारी की है। जिस 19 सेकंड के क्लीप को रवीश कुमार का बताकर शेयर किया जा रहा है वो हिस्सा भी इस वीडियो में मौजूद है।