समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रवक्ता और गौतमबुद्ध महानगर अध्यक्ष अनिल यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अनिल यादव ने पत्नी, कांग्रेस नेता पंखुड़ी पाठक की पोस्ट पर सपा कार्यकर्ताओं की कथित अभद्र टिप्पणी के विरोध में पार्टी छोड़ी है। अनिल ने कहा है कि उनको पार्टी के सभी अधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप से निकाल दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

कांग्रेस नेता पंखुड़ी पाठक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर की थी। इसकी तस्वीर में पोस्ट एक तरफ राहुल गांधी के हाथरस दौरे की तस्वीर और दूसरी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के हालिया जौनपुर दौरे की तस्वीर लगाई गई है। राहुल गांधी पीड़ितों के साथ जमीन पर बैठे दिखाई दे रहे हैं तो वहीं अखिलेश यादव कुर्सी पर बैठे हैं और उनके सामने मिठाई वगैरह भी रखी है। इसे शेयर करते हुए पंखुड़ी ने लिखा- समाजवाद बनाम समाजवाद का लिफाफा। पंखुड़ी की इस तस्वीर को लेकर विवाद की शुरुआत हुई। सपा कार्यकर्ताओं ने इसके लिए ना सिर्फ पंखुड़ी को निशाना बनाया, बल्कि अभद्र टिप्पणियां भी की गईं।

पंखुड़ी के पति अनिल यादव ने शनिवार दोपहर को ट्विटर पर अपना एक वीडियो और लिखित बयान साझा किया है। जिसमें उन्होंने सपा छोड़ने का ऐलान किया है और इसकी वजह भी बताई है। अनिल ने कहा है- कल एक तस्वीर वायरल हुई। जिसमें अखिलेश जी पर आमजन को टीका टिप्पणी करने का मौका मिला। कांग्रेस ने भी उस तस्वीर को प्रियंका जी की तस्वीर के साथ लगाकर कटाक्ष किया और मेरी पत्नी पंखुड़ी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ता की पोस्ट को शेयर किया। जिसके बाद बहुत सारे सपा के लोगों ने पंखुड़ी को अभद्र बातें लिखनी शुरू कर दीं। मैं सोशल मीडिया पर लिखी किसी चीज को महत्व नहीं देता, लेकिन कुछ तो इतनी घटिया थीं कि कोई आम आदमी अपने घर की महिला के बारे में ऐसा देखे तो सह ना सके।

अनिल ने कहा है कि पंखुड़ी ने अभद्र टिप्पणियों को लेकर पुलिस शिकायत की है। जिस पर विधिवत कार्यवाही जारी है लेकिन पार्टी की तरफ से उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। उल्टा मुझे लोगों ने पंखुड़ी को समझाने की नसीहत देनी शुरू कर दी। सुबह जब में उठा तो मैंने देखा कि मुझे सपा के सभी अधिकारी व्हाट्सएप ग्रुप से निकाल दिया गया है। जिसका सीधा संदेश मुझे समझ आ गया है। इसलिए मैं सपा की प्राथमिक और आजीवन सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।

अनिल यादव ने आगे कहा, जिस पार्टी में रहकर मैं अपनी परिवार की और अपने घर की महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकता, उनका सम्मान सुनिश्चित नहीं कर सकता, वहां प्रदेश की महिलाओं की या बेटियों की बात मैं कैसे कर पाऊंगा। तभी मैंने ये फैसला लिया कि मैं आज पार्टी में सभी चीजों से इस्तीफा देता हूं। यह सब भारी मन से लिख रहा हूं। क्योंकि कभी सोचा नहीं था कि मैं सपा छोड़ पाऊंगा। समाजवादी पार्टी को मेरी शुभकामनाएं।