भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली ने रविवार को पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ के साथ एक घंटे की बैठक की, जिसे राजभवन के पीटीआई सूत्रों ने ‘शिष्टाचार मुलाकात’ बताया और कहा कि ‘इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं था’। ऐसी भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि दादा अगले साल अप्रैल-मई में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ राजनीति में शामिल हो सकते हैं।

सोमवार को गांगुली से पूछा गया कि क्या वह या उनके परिवार में से कोई भी बीजेपी में शामिल होगा, तो उन्होंने जवाब दिया, ‘अगर राज्यपाल आपसे मिलना चाहते हैं, तो आपको उनसे मिलना होगा। तो चलिए हम इसे वैसे ही रखते हैं।’ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सौरव गांगुली ने रविवार को कहा कि ‘गवर्नर के साथ उनकी मुलाकात महज शिष्टाचार थी और ज्यादा सोचने का कोई मतलब नहीं है।’ 

गवर्नर धनखड़ ने रविवार को कहा कि दोनों ने ‘विभिन्न मुद्दों’ पर चर्चा की। गवर्नर ने यह भी कहा कि उन्होंने BCCI अध्यक्ष का कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में जाने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। गांगुली शाम करीब 4.30 बजे राजभवन पहुंचे और मुलाकात एक घंटे तक चली।

हालांकि, अब अपने या परिवार से किसी के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर गांगुली ने चुप्पी तोड़ते हुए सभी कयासों पर विराम लगा दिया है।

पिछले महीने एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सौरव गांगुली ने बीजेपी नेतृत्व को बता दिया है कि वह ना तो राजनीति में उतरना चाहते हैं और ना ही विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। ‘द टेलिग्राफ’ के ऑनलाइन संस्करण ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि सौरव गांगुली ने बीजेपी के सामने यह साफ कर दिया है कि वह एक्टिव पॉलिटिक्स में शामिल नहीं होना चाहते हैं और क्रिकेट प्रशासक के तौर पर अपनी भूमिका से खुश हैं। सूत्रों ने यह भी बताया था कि गांगुली की ओर से इनकार किए जाने के बाद पार्टी ने उनपर मन बदलने के लिए कोई दबाव नहीं डाला।