राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू यादव (Lalu Yadav) के बड़े बेटे और पार्टी के विधायक तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) फ्रॉड के शिकार हो गए हैं. उन्होंने अपनी कंपनी में काम करने वाले एक कर्मचारी पर धोखाथड़ी (Fraud) का आरोप लगाया है. तेज प्रताप ने पटना (Patna) के श्रीकृष्णा पुरी थाने के अध्यक्ष को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है और आरोपी कर्मचारी आशीष रंजन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.

तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) विधायक के साथ ही एलआर अगरबत्ती कंपनी के मालिक भी हैं. पटना के दानापुर स्थित अगरबत्ती की दुकान कम समय में ही काफी फेमस हो गई है. लेकिन इसी बीच ये खबर सामने आ रही है कि कंपनी में काम करने वाला आशीष रंजन नाम का कर्मी कंपनी के 71 हजार रुपये लेकर फरार हो गया है.

बता दें कि आशीष रंजन कंपनी में मार्केटिंग का काम देखता था. वो पटना का ही रहने वाला है. सूत्रों की मानें तो इस मामले में तेज प्रताप यादव ने खुद एसके पुरी थाने में आवेदन दिया है. हालांकि, इस मामले में जब एबीपी ने एसके पुरी थाने में बातचीत की तो पता चला कि तेज प्रताप ने फिलहाल कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई है.

पुलिस की आरोपित शख्स से बात हुई, जिसमें उस शख्स ने बताया कि वो तेज प्रताप के यहां कर्मचारी है. ट्रांजैक्शन हुई जरूर है. लेकिन उसने पैसे लिए नहीं हैं. तकनीकी दिक्कत की वजह से वो पैसे ट्रान्स्फर नहीं कर पा रहा था. पुलिस की मानें तो आरोपित ने जल्द ही पैसे वापस देने की बात कही है.

मालूम हो कि लालू-राबड़ी के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने पटना से सटे दानापुर स्थित ‘लालू खटाल’ में अगरबत्ती की फैक्ट्री डाली है और फैक्ट्री के बगल में ही इसका शोरूम भी बनाया गया है. ‘लालू खटाल’ का मतलब लालू की गौशाला से है. वहां लालू प्रसाद यादव बड़ी संख्या में गाय और भैंस रखा करते हैं. सत्ता में रहने के दौरान मुख्यमंत्री आवास में भी लालू प्रसाद ने एक खटाल बनाया था. अब इसी फैक्ट्री में अगरबत्तियां बनती हैं और शोरूम में बेची जाती है.