रांची, झारखंड: राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सदर अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। कोविड वार्ड का जायजा लेकर निकलते परिजनों ने उन्हें घेर लिया। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता गए तो थे सदर अस्पताल का हाल जानने, लेकिन निकलते वक्त उन्हें अपनी ही व्यवस्था ने शर्मसार कर दिया। लोगों से हाल जानने वार्ड-वार्ड घूमने वाले मंत्री को एक मरीज की बेटी ने बोलती बंद कर दी।

कोविड के कारण अपने पिता को खोने वाली बेटी ने मंत्री बन्ना गुप्ता के सामने चिघाड़ते हुए बताया। मंत्री जी यहीं (अस्पताल परिसर में) डॉक्टर… डॉक्टर चिल्लाती रह गई…। कोई डॉक्टर नहीं आया…। अब आप क्या करेंगे…। मेरे पिता को वापस ला देंगे। आप तो खाली वोट लेने आएंगे। लोग उसे समझाते रहे कि घर जाओ, लेकिन वो चिल्लाते रही।

हजारीबाग से रांची इलाज के लिए आए थे पवन
पवन गुप्ता की तबीयत बिगड़ने पर उनके परिजन उन्हें हजारीबाग से रांची लाए थे। वे अस्पताल दर अस्पताल भटकते रहे, लेकिन उन्हें कहीं बेड नहीं मिला। आखिर में वे सदर अस्पताल पहुंचे। यहां अंदर मंत्री निरीक्षण कर रहे थे बाहर वे तड़प रहे थे। आखिर में वे दम तोड़ दिए।

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इस मामले पर BJP ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। BJP के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण इस बेटी ने अपने पिता को खो दिया है। उन्होंने पूछा है कि आखिर कब अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे मुख्यमंत्री जी?

मंत्री ने दिए जांच के आदेश
हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने घटना की जांच कर 48 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट सिविल सर्जन रांची से मांगी हैं। उन्होंने पूछा है कि किन परिस्थितियों में किसकी लापरवाही के कारण मरीज की मौत हुई है। मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में झारखंड की जनता की सेहत की चिंता उन्हें हैं। इसलिए अपने सेहत की परवाह किए बिना कोरोना मरीजों से मिलने कोरोना वार्ड में गए। उनसे मिले। उन्होंने कहा कि भले मुझे फिर से कोरोना हो जाये लेकिन मुझे तनिक परवाह नहीं। मुझे राज्य की जनता के जानमाल की चिंता हैं तभी चुनाव छोड़कर जनता की सेवा के लिए आया हूं।