Kolkata: बंगाल के राणाघाट स्टेशन पर लता मंगेशकर के गाने के साथ रानू मंडल रातों रात स्टार बन गईं थीं। मशहूर होने के बाद रानू के लिए जीवन पहले जैसा नहीं रहा। उन्होंने जो भी किया, पहना सब सुर्खियों में आया। बीते साल कोलकाता में शायद ही कोई पूजा पंडाल था, जहां रानू मंडल की आवाज में ‘एक प्यार का नगमा हैं’ का सुपरहिट वर्जन नहीं बजाया गया।

लॉकडाउन के दौरान की गरीबों की मदद
लॉकडाउन के वक्त रानू मंडल ने लोगों की काफी मदद की थी। सोशल मीडिया पर सबसे पहले रानू का परिचय करवाने वाले अतींद्र चक्रवर्ती ने कहा कि कुछ गरीब लोगों को रानू मंडल के घर ले जाया गया था।  रानू ने असहाय लोगों के लिए आवश्यक सामान भी खरीदा, जिसमें चावल, दाल और अंडे भी शामिल थे। लेकिन रानू मंडल को इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह लॉकडाउन इतना लंबा चलेगा और अब खुद रानू की स्थिति दयनीय हो गई है।  

अमिताभ के साथ दिखने वाली थी रानू
रानू मंडल की बेटी ने बताया था –  मेरी मां को एटिट्यूड की प्रॉब्लम है और इसकी वजह से वो अक्सर परेशानी में पड़ जाती है। कहा जाता है कि  पिछले साल 31 दिसंबर को मुंबई के एक निजी टीवी चैनल पर साल के अंत के कार्यक्रम में सेलेब्स की सूची में रानू को शामिल किया गया था। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन खुद इस मौके पर उपस्थित होने वाले थे लेकिन फैंस के साथ बुरा व्यवहार करने के बाद अधिकारियों ने रानू का नाम सूची से हटा दिया था।   टीवी चैनल पर साल के अंत के कार्यक्रम में सेलेब्स की सूची में रानू को शामिल किया गया था। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन खुद इस मौके पर उपस्थित होने वाले थे लेकिन फैंस के साथ बुरा व्यवहार करने के बाद अधिकारियों ने रानू का नाम सूची से हटा दिया था।

एक के बाद एक विवादों में घिरी रानू फिलहाल काम पाने के लिए जूझ रही हैं। लोकप्रिय होने के बाद, रानू ने अपना पुराना घर छोड़ दिया और एक नए घर में चली गईं। लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो कोरोनोवायरस महामारी लॉकडाउन से पहले रानू मंडल इस नए घर को छोड़कर अपनी पुरानी जगह लौट गई थीं। खबरों के मुताबिक, रानू को बॉलीवुड में ज्यादा काम नहीं मिला और उनकी आर्थिक स्थिति खराब है।