ऋषिकेश -राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सोमवार को एम्स ऋषिकेश में आयोजित ‘‘वर्ल्ड ट्रॉमा सप्ताह-2023’’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में सड़क दुर्घटनाओं को कम करना एक चुनौती है और इस चुनौती से निपटने के लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं में हमारे लिए शुरू के 10 मिनट या एक घंटा बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हम ‘प्लैटिनम 10 मिनट’ और ‘गोल्डन ऑवर’ में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का बचाव करते हुए मृत्यु दर में कमी ला सकते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि ट्रॉमा सेंटर तक दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का सुरक्षित परिवहन हमारी सबसे बड़ी चुनौती है। राज्यपाल ने व्यक्ति के दुर्घटना स्थल से ट्रॉमा सेन्टर तक के समय को कम से कम किए जाने पर विशेष बल दिया। एम्स ऋषिकेश द्वारा सप्ताह भर तक संचालित जन-जागरूकता कार्यक्रमों की राज्यपाल ने सराहना की। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ सहित हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम समाज के प्रत्येक व्यक्ति को दुर्घटनाओं को रोकने और ट्रॉमा चिकित्सा के संबंध में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश द्वारा हेली एम्बुलेंस और टेलीमेडिसिन सुविधा के माध्यम से स्वास्थ्य से संबंधित चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि एम्स द्वारा नवीन तकनीकों से पहाडों में स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान खोजने की दिशा में प्रयास सराहनीय हैं। एम्स द्वारा एआई आधारित संकल्पनाओं, ड्रोन टेक्नोलॉजी और हैली सेवा से मरीजों को एयरलिफ्ट करने के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने संस्थान को बधाई दी। पिछले एक वर्ष में हेल्पलाइन की मदद से 12 हजार से अधिक लोगों को टेली कंसल्टेशन दिया गया है जिसके लिए उन्होंने सभी डॉक्टरों की सराहना की।

इससे पूर्व एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.)मीनू सिंह ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ट्रॉमा के कारण हो रही मौतों को रोकने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एम्स का प्रयास है कि अधिक से अधिक लोगों को ट्रॉमा के प्रति सजग और जागरूक किया जाय। इससे पूर्व ट्रॉमा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम ने सप्ताह भर तक संचालित ट्रॉमा जागरूकता के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। कार्यक्रम को सर्जन डॉक्टर डॉ. मयूर नारायण और डॉ. मधुर उनियाल आदि ने भी संबोधित किया।