कृषि कानूनों के विरोध में एक तरफ किसान दिल्ली और उससे सटी राज्य सीमाओं पर डेरा जमाए हैं। वहीं इनके समर्थन में कई हस्तियां सामने आ रहा हैं और अवार्ड वापसी का सिलसिला भी चल पड़ा है। इस कड़ी में गुरुवार को एनडीए से अलग हो चुके शिरोमणि अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के समर्थन में अपना पद्म विभूषण पुरस्कार लौटा दिया है। उनके अलावा पार्टी के राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी इन कृषि कानूनों के विरोध में अपना पद्म भूषण पुरस्कार लौटाने का ऐलान कर दिया है।
मोदी सरकार के काल में यह दूसरी बार हो रहा है कि अवार्ड वापसी का सिलसिला चल पड़ा है। पहली बार 2015 में देश में बढ़ती हिंसा और अभिव्यक्ति की आजादी पर उठे सवाल के बाद अवार्ड वापसी का दौर चला था और अब ठीक पांच साल बाद 2020 में देश में एक बार फिर अवार्ड वापसी का दौर चल रहा है।
आंदोलन के समर्थन में अवॉर्ड वापस करने वालो पर लोग जमकर निशाना भी साध रहे है और उनसे अवॉर्ड के साथ मील पुरस्कार राशि भी लौटाने की मांग कर रहे है। अवॉर्ड वापसी गैंग पर निशाना साधते हुये एबीपी न्यूज के पत्रकार अनुराग मुस्कान ने ट्वीट कर अवॉर्ड के साथ मिले पैसो को लौटाने की बात कही। उन्होंने लिखा, “विरोध में अवॉर्ड वापस कर देना ग़लत बात नहीं है लेकिन अवॉर्ड के साथ मिली धनराशि रख लेना और सिर्फ़ अवॉर्ड वापस कर देना ग़लत बात है।”
अनुराग मुस्कान यही नही रुके और उन्होंने अवॉर्ड वापिस करने वालो पर निशाना साधते हुये एक दूसरा ट्वीट किया और लिखा, “किसानों के साथ कोई नहीं है, सब बस अपना-अपना फ़ायदा देख रहे हैं। नेता भी और अवॉर्ड वापसी वाले भी। नेताओं को ये फ़ायदा दिख रहा है कि शायद उन्हें अपनी खोई हुई राजनैतिक ज़मीन मिल जाएगी और अवॉर्ड वापसी वालों को ये फ़ायदा दिख रहा है कि सबको पता तो चलेगा कि उन्हें कभी अवॉर्ड मिला भी था।”
आपको बता दे, आंदोलन के साथ ही अवार्ड वापसी की घोषणा करने वालों की लिस्ट लंबी होती गयी है। राष्ट्रीय बॉक्सिंग टीम के पूर्व कोच गुरबक्श सिंह संधू ने भी किसानों की मांगों के समर्थन में कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग को नहीं माना तो वे अपना द्रोणाचार्य पुरस्कार लौटा देंगे। संधू जब बॉक्सिंग टीम के कोच थे तो भारत को मुक्केबाजी का पहला ओलिंपिक मेडल मिला था।
उनके बाद पूर्व पहलवान और अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करतार सिंह ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पुरस्कार वापसी की घोषणा की। पंजाब से ताल्लुक रखने वाले कई खिलाड़ियों ने अवार्ड वापसी की बात कही, जिनमें बॉक्सर विजेंदर सिंह भी शामिल हैं। विजेंदर सिंह ने कल ही घोषणा की थी कि अगर सरकार ने कृषि बिल को वापस नहीं लिया तो वे अपना खेल रत्न पुरस्कार लौटा देंगे।