कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्र सरकार से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और BSP अध्यक्ष मायावती को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ देने की मांग की है। हरीश रावत ने कहा है कि, सोनिया गांधी और मायावती दोनों प्रखर राजनीतिक व्यक्तित्व हैं। हरीश रावत ने बुधवार को कहा कि “भारतीय नारीत्व की गरिमा को नई ऊंचाई प्रदान करने के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा देश के शोषितों एवं पीड़ितों के भीतर विश्वास पैदा करने के लिए बसपा प्रमुख मायावती को ‘भारत रत्न’ सम्मान से नवाजा जाना चाहिए।”
रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘आदरणीय सोनिया गांधी जी व सम्मानित बहन मायावती जी, दोनों प्रखर राजनैतिक व्यक्तित्व हैं। आप उनकी राजनीति से सहमत और असहमत हो सकते हैं, मगर इस तथ्य से आप इनकार नहीं कर सकते हैं कि सोनिया जी ने भारतीय महिला की गरिमा और सामाजिक समर्पण व जनसेवा के मापदंडों को एक नई ऊंचाई व गरिमा प्रदान की है, आज उन्हें भारत की नारीत्व का गौरवशाली स्वरूप माना जाता है। सुश्री मायावती जी ने वर्षों से पीड़ित-शोषित लोगों के मन में एक अद्भुत विश्वास का संचार किया है, भारत सरकार को चाहिये कि इन दोनों व्यक्तित्वों को इस वर्ष का भारत रत्न देकर अलंकृत करें।’
हरीश रावत के इस मांग से ट्विटर पर एक नई बहस सी छिड़ गई है। कुछ लोग हरीश रावत की इस मांग का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में पत्रकार सुशांत सिंह ने तंज कसते हुए लिखा, “कुछ लोगों का बस चले तो सीधा भारत माता की उपाधि देने की मांग कर दें, भारत रत्न की डिमांड तो फिर भी कम है।”
संदीप नाम के यूजर ने लिखा, “हरीश रावत जी, चमचा गिरी की हद होती है, आप देश की महान विभूतयों को तो छोड़ दीजिए, उत्तराखण्ड की अजर अमर नारियों जैसे तिलू रोतेलू, गौरा देवी जैसी विभुतियों को कैसे भूल गए। आपका यह ट्वीट चापलूसी की पराकाष्ठा को पार कर गया है।”
आपको बता दें, भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। जिसकी शुरुआत साल 1954 में हुई थी। कला, साहित्य, विज्ञान, समाजसेवा और खेल जैसे क्षेत्रों में असाधारण और उल्लेखनीय राष्ट्र सेवा करने वालों को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान यानी‘भारत रत्न’ दिया जाता है।