ये तस्वीर पश्चिम बंगाल की है, गिनती के पढ़े-लिखे सांसदों में से एक शशि थरूर ने इसे शेयर करते हुए बीजेपी पर तंज कसा है…. तंज तो एक वोट से गिरने वाली वाजपेयी सरकार भी कसा गया था.
आज यही पार्टी 2 सीट से 303 सीट तक पहुंचकर सत्ता पर काबिज है। आगे कहाँ तक जाएगी यह भविष्य पर निर्भर है। लेकिन इनकी नींव मजबूत है, इस पर कोई शक नहीं।
बीजेपी की एक चीज काबिले तारीफ है, जहां जीत की कोई उम्मीद भी नजर नहीं आती वहां भी पुरजोर कोशिश करती है। 1984 में जब इंदिरा जी की सहानभूति की लहर थी उस वक्त भी नरसिम्हा राव जैसे बड़े कांग्रेसी नेता को हराकर बीजेपी ने अपना खाता खोला था।
बहरहाल मुझे पता नहीं क्यूँ, इस तस्वीर पर कोई मजाक सा नहीं लगा, सुन भले ही एक रहा हो लेकिन बीजेपी की तैयारी पूरी है। शायद ही किसी राजनीतिक पार्टी में इस तरह सत्ता पाने का जुनून होगा।
यहां तक कि एक शख्स को को भी सम्बोधित करने के लिए मंच तैयार कर दे रही। ये तैयारी उसी तरह लग रही जैसे वर्ष-2014 में मोदी लहर के बावजूद मात्र 2 लोकसभा सीट जीतने वाली बीजेपी वर्ष-2019 में 42 सीटों में से 18 पर जीत दर्ज कर लेती है।
वर्ष-2016 विधानसभा में मात्र 3 सीट जीतने वाली बीजेपी इस बार पश्चिम बंगाल में 147 का आंकड़ा पार कर सरकार बनाने का दम भर रही, ये दावा कितना सही साबित होगा इसको भी परिणाम पर ही छोड़ते हैं। लेकिन इतना तय है कि ये आंकड़े चौंकाने वाले होंगे। चौंकाने वाले इसलिए क्योंकि इतने आरोपों, खामियों और नाकामियों के बावजूद पश्चिम बंगाल में बीजेपी वो हर कोशिश कर रही है। जो एक राजनीतिक पार्टी कर सकती है।
आज थरूर हंस रहे हैं कल वो केरल में बीजेपी सरकार भी देखेंगे… क्योंकि ये बीजेपी है… यहां से अटल- आडवाणी के बाद कोई शाह-मोदी की जोड़ी निकलती है जो पार्टी को बुलंदियों पर ले जाती है…. यहां कोई ये सोच कर पैदा नही होता कि सत्ता मेरी जागीर है और ये मुझे ही मिलेगी.
संभार- प्रशांत सिंह व छीछालेदर फेसबुक पेज