रोहिंग्याओं को जम्मू-कश्मीर से बाहर निकालने की तैयारी लगभग कर ली गई है। सरकार का पक्ष है कि रोहिंग्या सुरक्षा के लिए खतरा हैं, इसलिए उन्हें प्रदेश से बाहर निकालना जरूरी है। सुरक्षा के अलावा भी कई ऐसे मामले हैं, जिसमें उनकी बढ़ती संलिप्तता भी बड़ा खतरा बन चुकी है। कुछ लोगों पर नशे से लेकर मानव तस्करी तक के मामले दर्ज हैं।

दुसरी तरफ जांच एजेंसियों ने भारत में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर बड़ा खुलासा किआ है, जांच में यह सामने आया है कि रोहिंग्याओं को जम्मू कश्मीर में बसाने के लिए दो इस्लामिक मुल्क फंडिंग कर रहे थे, इन दोनों मुल्कों का नाम संयुक्त अरब अमीरात ( UAE ) और पाकिस्तान है।

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों के वेरिफिकेशन का काम चल रहा है. इसी दौरान सुरक्षा एजेंसियों को कुछ चौंकाने वाले तथ्य हाथ लगे हैं. जांच में पता चला है कि रोहिंग्या को जम्मू में बसाने के लिए पाकिस्तान और UAE की तरफ से एक NGO को फंडिंग की जाती रही है. हालांकि अभी तक NGO के नाम का खुलासा नहीं हुआ है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशी नागरिकों सहित 13,700 से ज्यादा विदेशी नागरिक जम्मू और साम्बा जिलों में बसे हुए हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो 2008 से 2016 के बीच उनकी जनसंख्या में 6,000 से ज्यादा की वृद्धि हुई है। जो रोहिंग्या वेरिफिकेशन से बचकर भाग गए हैं उनकी तलाश में पुलिस ने जम्मू, साम्बा और कठुआ के सरपंचों से मदद मांगी है और रोहिंग्या की पहचान कर तुरंत पुलिस को बताने की अपील की है।