पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 30 विधानसभा सीटों पर छिटपुट हिंसा के बीच पहले चरण की तरह ही बंपर वोटिंग हुई है। चुनाव आयोग के मुताबिक, दूसरे चरण में 80 प्रतिशत से ज्यादा वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। अंतिम आंकड़े अपडेट होने तक यह 4-5 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। आम तौर पर बंपर वोटिंग को सत्ता के खिलाफ माना जाता है। पहले से ज्यादा वोटिंग होने को इस रूप में देखा जाता है कि सरकार से नाराज लोग परिवर्तन के लिए बड़ी तादाद में घरों से बाहर निकले हैं और मताधिकार का इस्तेमाल किया है।
बंगाल में दूसरे चरण के मतदान के दौरान जहां टीएमसी के केशपुर उम्मीदवार घायल हुए तो वहीं दूसरी तरफ शुभेंदु के काफिले पर दो जगहों पर पथराव किया गया जब वे विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्रों का दौरा कर रहे थे। इधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग के सामने 63 शिकायतें दर्ज की है। पश्चिम बंगाल की सीएम ने आगे कहा- “मैं नंदीग्राम को लेकर चिंतित नहीं हूं बल्कि लोकतंत्र को लेकर दुखी हूं। मां, माटी और मानुष के आशीर्वाद से मैं नंदीग्राम जीत जाऊंगी।”
ममता बनर्जी का नंदीग्राम के एक ही पोलिंग बूथ पर 3 घंटे तक बैठे रहना सभी को आश्चर्यचकित करने वाला वाक्या है। लोग यह मान कर चल रहे है कि ममता बनर्जी को आभास हो गया है कि वह नंदीग्राम सीट से चुनाव हार रही है। बंगाल चुनाव पर चर्चा के लिये दिल्ली के भाजपा प्रवक्ता तजिंदर पल सिंह बग्गा रिपब्लिक भारत tv के डिबेट में मौजूद थे और उन्होंने खुलकर पार्टी का पक्ष रखा।
तजिंदर बग्गा के साथ दुसरे ओर से ओवैसी के पार्टी के नेता वारिस पठान ने हिस्सा लिया था। पठान ने BJP के ऊपर बंगाल चुनाव में धांधली करने का आरोप लगाया तो तजिंदर बग्गा ने करारा जवाब दिया। बग्गा ने कहा, “बंगाल का सबसे बड़ा ओपिनियन पोल उसी दिन आ गया था जिस दिन ममता बनर्जी ने भाजपा के जिला उपाध्यक्ष को फोन करके कहा था मैं चुनाव हार रही हूं , मेरी मदद करो।”
गौरतलब है, बंगाल में 2 चरण के चुनाव में बम्पर वोटिंग देखने को मिली है और अभी 6 चरण की वोटिंग होनी बाकी है, लिहाजा अभी से कोई भी अंदाजा लगाना बहुत ही जल्दबाजी होगी। हां, इतना जरूर है कि इस बार का चुनाव 2016 की तरह नहीं है। ममता बनर्जी की टीएमसी और बीजेपी में कड़ी टक्कर दिख रही है और BJP का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। ग्राउंड जीरो की रिपोर्टिंग भी ममता बनर्जी को अपनी सीट नंदीग्राम में हारता हुआ दिखा रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दीदी को नंदीग्राम में वोटिंग से 5 दिन पहले से ही कैंप करना पड़ा। इस दौरान वह कहीं और प्रचार करने भी नहीं गईं।