New Delhi: तीन कृषि कानून को रद्द करने के लिए मंत्रिमंडल की बैठक जारी है। इस बीच किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने घर वापस जाने के लिए मोदी सरकार के सामने नई मांगे रखी है। इसके लिए टिकैत ने 26 जनवरी तक का समय मोदी सरकार को दिया है। इतना ही नहीं, टिकैत ने बताया कि वह अपने प्रदर्शन कर रहे किसान भाइयों के साथ 29 नवंबर को 60 ट्रैक्टर लेकर संसद भवन की ओर मार्च करेंगे।
राकेश टिकैत ने कहा, केंद्र सरकार ने घोषणा की है तो वो प्रस्ताव ला सकते हैं लेकिन एमएसपी (MSP) और 700 किसनों की मृत्यु भी हमारा मुद्दा है। सरकार को इसपर भी बात करनी चाहिए। 26 जनवरी से पहले तक अगर सरकार मान जाएगी तो हम चले जाएंगे। चुनाव के विषय में हम चुनाव आचार संहिता लगने के बाद बताएंगे।
इतना ही नहीं, राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान हमपर इल्जाम लगा था कि हमने रास्ते बंद कर रखें हैं। लेकिन हमने कभी रास्ते बंद किए ही नहीं। हमारे आंदोलन केंद्र सरकार से बात करने के लिए था। टिकैत ने कहा कि 29 नवंबर को हम 60 ट्रैक्टर लेकर सीधा संसद भवन की ओर जाएंगे। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को तीन कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया था। साथ ही उन्होंने पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे किसानों से वापस घर जाने की अपील भी की थी।
मायावती ने भी किया किसानों की मांगों का समर्थनयूपी की पूर्व मुख्यमंत्री व बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने किसानों की मांगों का समर्थन किया है। मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा, “पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा लगभग एक वर्ष से आन्दोलित किसानों की तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग स्वीकारने के साथ-साथ उनकी कुछ अन्य जायज मांगों का भी सामयिक समाधान जरूरी है। ताकि वे संतुष्ट होकर अपने-अपने घरों में वापस लौट कर अपने कार्यों में पूरी तरह फिर से जुट सकें। साथ ही, कृषि कानूनों की वापसी की केन्द्र सरकार की खास घोषणा के प्रति किसानों में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है कि भाजपा के नेताओं की बयानबाजी पर लगाम लगे जो पीएम की घोषणा के बावजूद अपने भड़काऊ बयानों आदि से लोगों में संदेह पैदा करके माहौल को खराब कर रहे हैं।”