नारदा स्टिंग मामले के बाद बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस में राजनीतिक जंग शुरू हो गई है। गुरुवार को एक भ्रष्टाचार मामले में पश्चिम बंगाल CID ने BJP सांसद अर्जुन सिंह को नोटिस जारी किया है। सांसद को 25 मई को जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। इससे पहले पुलिस ने पिछले साल अर्जुन सिंह के उत्तर 24 परगना जिले के भाटपारा स्थित आवास पर छापा मारा था।
अर्जुन सिंह 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे और बैरकपुर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी। दूसरी ओर, सिंह भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार करते रहे हैं। उनका कहना है कि सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस उनके खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति कर रही है। सिंह तृणमूल कांग्रेस के चार बार विधायक रह चुके हैं।
पिछले साल छापेमारी के बाद बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि अर्जुन सिंह के आवास पर एक स्थानीय सहकारी बैंक से संबंधित दस्तावेजों की जांच पड़ताल की गई। सिंह 2018 में उक्त सहकारी बैंक के अध्यक्ष थे। पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह छापेमारी अदालत द्वारा सिंह के खिलाफ एक मामले में आदेश जारी करने के बाद हुई।
बीजेपी में शामिल होने का बदला ले रही टीएमसी: अर्जुन सिंह
सिंह ने अपने खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाते हुए कहा था कि तृणमूल कांग्रेस उन्हें बीजेपी में शामिल होने के बाद से झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि उनके सहकारी बैंक का अध्यक्ष रहने के दौरान कोई भ्रष्टाचार नहीं था और तृणमूल कांग्रेस उन्हें राजनीतिक रूप से परास्त करने में विफल रहने के बाद पुलिस और गुंडों का इस्तेमाल कर रही है।
नारदा मामले में जेल में बंद है टीएमसी के चार नेता
गौरतलब है कि पिछले दिनों सीबीआई ने नारद घोटाले में ममता सरकार के मंत्री और विधायकों समेत चार नेताओं को अरेस्ट किया था। इनकी गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखा विरोध जताया था। विशेष सीबीआई अदालत ने इन आरोपियों को जमानत दे दी थी पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। फिलहाल सभी नेता जेल में हैं। ममता ने आरोप लगाया था कि विधानसभा चुनाव हारने के बाद बीजेपी बदला ले रही है।