हिमंता बिस्वा सरमा असम के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं। 6 साल पहले तक वो कांग्रेस नेता हुआ करते थे लेकिन 2015 में BJP में आने के बाद कभी पीछे मुड़कर नही देखा।असम के जोरहाट में पैदा हुए हिमंता बिस्वा सरमा पेशे से वकील थे लेकिन राजनीति में भी उनकी सक्रियता इस कदर रही कि सीधे सीएम पद पर जाकर ही रुके। हिमंता ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस के साथ की थी. वे वर्ष 2001 से 2015 तक कांग्रेस सदस्य के रूप में जालुकबारी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं।
वर्ष 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के साथ राजनीतिक मतभेद होने के बाद हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने 21 जुलाई 2014 को कांग्रेस पार्टी के सभी विभागों से इस्तीफा दे दिया. इसके एक साल बाद वे बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए. वर्ष 2016 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद वे कैबिनेट मंत्री बने. उन्हें सोनोवाल सरकार में वित्त, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, शिक्षा, योजना और विकास, पर्यटन, पेंशन और लोक शिकायत जैसे विभाग आवंटित किए गए।
असम में BJP को मजबूत बनाने में अहम भूमिका
2016 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में असम (Assam) में बीजेपी को जिताने में हिमंता की बड़ी भूमिका मानी गई. इसके साथ ही राज्य में सीएए विरोधी प्रदर्शनों और कोरोना के हालात को संभालने में भी उनके नेतृत्व को सराहा गया. असम विधानसभा चुनाव जीतने के ठीक बाद बीजेपी ने हिमंता बिस्वा सरमा को नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) का अध्यक्ष बना दिया था. इसके बाद उन्होंने पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बीजेपी को सत्ता तक पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया।
छात्र जीवन में हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) स्टूडेंट राजनीति में सक्रिय रहे. वे 1991-92 में कॉटन कॉलेज गुवाहाटी के जनरल सेक्रेटरी बने. वकालत की डिग्री लेने के बाद उन्होंने 5 साल तक गुवाहाटी हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की. मई 2001 में वह पहली बार जालुकबारी सीट से जीते. हिमंत बिस्वा सरमा इसी सीट से लगातार पांचवीं बार विधायक बने हैं. इस बार उन्होंने 1 लाख 1,911 वोटों के बंपर मार्जिन से जीत दर्ज की है।
हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) के परिवार में मां मृणालिनी देवी, पत्नी रिनिकी भुयान और दो बच्चे हैं. उनके पिता कैलाश नाथ सरमा प्रसिद्ध कवि और लेखक थे. उनकी मां मृणालिनी देवी असम साहित्य सभा से जुड़ी हैं।