उत्तराखंड की धामी सरकार के लिए 2024 परीक्षा और चुनौतियों का वर्ष है। लोकसभा चुनाव के साथ इसी साल स्थानीय निकाय चुनावों में राज्य सरकार के कामकाज को भी आंका जाना है। बीते साल के आखिर में सरकार ने राज्य के ढांचे को मजबूती देने के लिए देश-विदेश से रिकॉर्ड निवेश का करार किया है, उसे जमीन पर उतारने के साथ उसके माध्यम से युवाओं की उम्मीदों को मूर्त रूप देने की चुनौती होगी। बीते साल सरकार ने तमाम आकर्षक योजनाओं की घोषणा की है जिसमें महिलाओं से संबंधित योजनाएं सरकार के कामकाज का आईना बन सकती हैं। उन्हें उसी के अनुरूप धरातल पर उतारना है। केंद्र और राज्य सरकार की जुगलबंदी से तमाम ऐसी योजनाएं जो दशकों से लटकी थीं उनकी अड़चन दूर हुई है, अब उन्हें गति देने की चुनौती होगी। सरकार इस साल अवस्थापना विकास, निवेश और कल्याणकारी नीतियों और योजनाओं पर मुख्य रूप से फोकस कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन चुनौतियों को आत्मसात कर राज्य को सबल बनाने का तानाबाना बुन रहे हैं। उनका कहना है कि इस वर्ष बजट में अवस्थापना विकास के लिए अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था होगी। सरकार का नए साल का एजेंडा स्वच्छ और स्वस्थ उत्तराखंड का है। प्रधानमंत्री के वेड इन उत्तराखंड के मंत्र पर राज्य सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि आयोगों की पारदर्शी और नकल विहीन भर्ती प्रक्रिया बता रही है कि सख्त नकल कानून असरदार रहा है। सरकारी विभागों में खाली करीब 30 हजार पदों को भरने के साथ सरकार आने वाले समय में विभिन्न निर्माण और प्रोत्साहन योजनाओं के जरिये लाखों लोगों को स्वरोजगार और आजीविका बढ़ाने के अवसर प्रदान करेगी।
1.नया साल शुरू हो गया है। इस साल लोकसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में सरकार का फोकस क्या रहेगा?
पीएम नरेंद्र मोदी कई बार कह चुके हैं कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। उनके नेतृत्व में हम इसके लिए पूरी शिद्दत के साथ लगे हैं। 2025 में उत्तराखंड अपनी स्थापना की रजत जयंती मनाएगा। हमने 2025 तक उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल कराने का संकल्प लिया है। अगले पांच साल में राज्य की जीडीपी को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार का हमें पूरा आशीर्वाद मिला है।
2.डबल इंजन से राज्य सरकार को क्या-क्या फायदा हुआ?
दिल्ली में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद उत्तराखंड राज्य के विकास की गति पकड़ी और तस्वीर बदल गई। डबल इंजन की सरकार के कारण ही उत्तराखंड ने सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी के क्षेत्र में प्रगति की। राज्य में तेजी से विकास हुआ। चारधाम ऑलवेदर रोड, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना, दिल्ली-दून एक्सप्रेस हाईवे के अलावा सड़कों में सुधार हुआ। बदरीनाथ-केदारनाथ का पुनर्निर्माण हो रहा है। हजारों करोड़ की कई योजनाओं पर कार्य चल रहा है।
- इसमें अधिकतर योजनाएं केंद्र पर आधारित हैं दिल्ली के इंजन के सहारे, राज्य का अपने दमखम पर विकास का क्या प्लान है?
हम अवस्थापना विकास के लिए इस वर्ष से बजट में विशेष व्यवस्था करने जा रहे हैं। राज्य सरकार ऐसी योजनाओं और नीतियों पर फोकस कर रही है, जिनसे राज्य का राजस्व बढ़े। हम आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। नीतिगत, प्रशासनिक और सूचना तकनीक में सुधारों के साथ हमने प्राथमिक क्षेत्र कृषि और उद्यानिकी पर फोकस किया है। पर्यटन के साथ हम जैविक खेती, आयुष और वेलनेस और हेल्थ सेक्टर पर फोकस कर रहे हैं, जिसमें निजी निवेश पर हमारा जोर है। इस साल सरकार अपने संसाधनों से सौंग बांध परियोजना पर काम शुरू कर देगी। - राज्य के ढांचागत विकास में इस साल की 10 प्रमुख प्राथमिकताएं क्या रहेंगी आपकी सरकार की?
जमरानी और सौंग बांध परियोजनाओं पर काम करेंगे। किच्छा में एम्स, लखवाड़ व्यासी परियोजना, निवेशक सम्मेलन में हुए एमओयू की ग्राउंडिंग, मानसखंड कॉरिडोर के तहत अवस्थापना विकास के कार्य, हरिद्वार-ऋषिकेश मंदिर माला गलियारे का निर्माण, गढ़वाल और कुमाऊं में एक-एक टाउनशिप बनाने, बिहारीगढ़ में नई टाउनशिप का निर्माण, पहाड़ में वर्षा जल संग्रह के लिए चरणबद्ध ढंग से चेक डैम का निर्माण कराने पर हमारा खास फोकस होगा। इसके अलावा युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों और समाज के हर वर्ग के व्यक्ति की सुविधा से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू रखेंगे। - लेकिन राज्य के युवा रोजगार का सपना देख रहे हैं, इसे पूरा करने की चुनौती से कैसे पार पाएंगे?
राज्य के युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराना हमारा दायित्व है। हमने सख्त नकल कानून लागू करके राज्य के शिक्षित बेरोजगारों को सपना पूरा करने का अवसर प्रदान किया है। सरकारी विभागों में करीब 30 हजार पद खाली हैं, इन्हें भरने के लिए युद्ध स्तर पर काम हो रहा है। एसीएस राधा रतूड़ी को खाली पदों के अधियाचन आयोगों को भेजने की प्रक्रिया को तेज करने का जिम्मा दिया गया है। इसके बाद भर्ती प्रक्रिया में तेजी आई है। - 30 हजार खाली पदों की तुलना में बेरोजगारों की संख्या कई लाखों में है। उनके रोजगार का सपना कैसे पूरा होगा?
सही है कि सरकारी क्षेत्र में रोजगार के अवसर सीमित हैं। लेकिन सरकार स्वरोजगार और आजीविका बढ़ाने की योजनाओं पर काम कर रही है। हमारी सरकार ने 30 से अधिक नीतियां बनाई हैं। इन सभी नीतियों के केंद्र में रोजगार सबसे अहम फेक्टर है। अवस्थापना विकास योजनाएं बनाने से लेकर निवेशक सम्मेलन तक हमने जो भी कदम उठाए, उनमें हमारा रोजगार के नए अवसर पैदा करने पर ही जोर रहा। - स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के लिए लिए क्या योजना है ?
निवेशक सम्मेलन में हमने साढ़े तीन लाख करोड़ से अधिक के एमओयू किए। रिकार्ड 50 हजार करोड़ निवेश की ग्राउंडिंग भी की। इनसे प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार के लाखों अवसर पैदा होंगे। हम स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं की आजीविका बढ़ाने की योजना पर काम कर रहे हैं। लखपति दीदी योजना से हजारों की संख्या में महिलाएं लाभ पा रही हैं। हाल ही में पीएम मोदी ने हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड लांच किया। इससे राज्य के उत्पादों को बड़े और नए बाजार मिलेंगे। - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वेड इन उत्तराखंड का मंत्र दिया है, उस पर सरकार इस वर्ष क्या करने जा रही है?
हमारी सरकार ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ हम इस दिशा में आगे बढ़ेंगे। हमारी बातचीत शुरू हो गई है। हमारे यहां त्रियुगी नारायण मंदिर पहले से एक वेडिंग डेस्टिनेशन है। ऐसे कई स्थान हैं, जो विवाह करने के लिए पसंदीदा स्थल बन सकते हैं। - हाल ही में स्वच्छता सर्वेक्षण के नतीजे आए जो निराश करते हैं? पवित्र देवभूमि स्वच्छ भूमि भी कब साबित होगी?
हमारी सरकार ने आज से ही स्वच्छता का संकल्प लिया। सभी निकायों के साथ पूरी सरकार अब स्वच्छता अभियान में जुटेगी। हम देहरादून को देश के टॉप 10 स्वच्छ शहरों में शामिल कराने का लक्ष्य लेकर अभियान चलाएंगे। - अकसर यह सवाल उठते हैं कि सरकारों पर नौकरशाही हावी रहती है? आपने विकास के एजेंडे तय किए हैं। लेकिन इस एजेंडे को नौकरशाही और अपनी गति से चलने वाली प्रशासनिक व्यवस्था पूरी करने देगी?
सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टिकरण हमारी सरकार का मूल मंत्र है। सरकारी नीति व तंत्र के उन अड़चनों को दूर किया है, जो विकास व जनकल्याण में रुकावट बन रही हैं। पहली बार सरकार और प्रशासनिक तंत्र के लोगों के बीच संवाद हुआ। मसूरी में चिंतन बैठक में इन्हीं अधिकारियों ने राज्य के विकास का समयबद्ध रोडमैप तैयार किया, जिस पर सरकार आगे बढ़ रही है। पिछले एक साल के रोडमैप पर हम कितना आगे बढ़े और अगले वर्षों में हम और बेहतर क्या कर सकते हैं, इसके लिए अब नैनीताल में चिंतन बैठक होने जा रही है। इसकी तिथि भी जल्द तय कर देंगे।
1.उत्तराखंड से भगवान श्रीराम का अटूट रिश्ता
अयोध्या में रामलला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा पर सीएम ने कहा कि प्रभु श्रीराम का उत्तराखंड से अटूट रिश्ता है। महाराज दशरथ ने संतान प्राप्ति के लिए सरयू नदी के किनारे अनुष्ठान किया था। सरयू नदी का उद्गम बागेश्वर जिले में है। उन्होंने देवप्रयाग के रघुनाथ मंदिर में यज्ञ किया था। - सिलक्यारा में बौखनाग का भव्य मंदिर जल्द
सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन पर सीएम ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन, केंद्र-राज्य सरकार की एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों से हम सभी का जीवन बचाने में कामयाब रहे। ईश्वर की बहुत कृपा रही। मैंने वहां बौखनाग देवता के मंदिर की घोषणा की थी। जल्द सिलक्यारा में भव्य और दिव्य मंदिर बनाने का काम शुरू होगा। - राष्ट्रीय स्तर का आयुर्वेद म्यूजियम बनाएंगे
सीएम ने कहा कि केरल की तर्ज पर सरकार उत्तराखंड को वेलनेस का हब बनाएगी। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर का आयुर्वेद म्यूजियम बनाने जा रहे हैं। भूमि की तलाश शुरू कर दी गई है। - यूसीसी की रिपोर्ट जल्द मिल जाएगी
समान नागरिक संहिता पर विशेषज्ञ समिति ने रिपोर्ट तैयार कर ली है। यह जल्द प्राप्त हो जाएगी। इसे कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा। महाधिवक्ता भी इसकी समीक्षा करेंगे। सभी विधिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद सरकार इसमें आगे बढ़ेगी। - पांचों सीटें जिताकर राज्य के वोटर देंगे मोदी को रिटर्न गिफ्ट
पीएम मोदी का उत्तराखंड के प्रति खास लगाव है। उन्होंने विकास के लिए कई बड़ी सौगातें दीं हैं। राज्य की जनता को इस बात का एहसास है। 2014, 2019 के लोस चुनाव के बाद अब 2024 चुनाव में पांचों सीटें जीतकर प्रदेश के मतदाता पीएम मोदी को रिटर्न गिफ्ट देंगे। - लोगों से कहेंगे खाना बर्बाद न करें
इस साल से हमने खाने की बर्बादी रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है। इससे दो लाभ होंगे। पहला अन्न बर्बाद नहीं होगा। स्वच्छता में मदद मिलेगी। विवाह समारोह और अन्य उत्सवों के अलावा घरों में भोजन की बर्बादी रोकने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। - अतिक्रमण के खिलाफ जोर पकड़ेगा अभियान
सीएम ने कहा कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ अभियान और जोर पकड़ेगा। हजारों हेक्टेयर भूमि कब्जा मुक्त कराई जा चुकी है। - मूल निवास और भू कानून पर सरकार गंभीर
सीएम ने कहा कि मूल निवास प्रमाण पत्र पर सरकार ने निर्देश जारी कर दिए। एसीएस की अध्यक्षता में एक कमेटी भू कानून और मूल निवास के मुद्दे पर अपनी सिफारिशें देगी।