प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पत्रकार राणा अय्यूब को पूछताछ के लिए तलब किया है. उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया है. एजेंसी की तरफ से जारी लुकआउट सर्कुलर के आधार पर अय्यूब को आज उस वक्त मुंबई हवाई अड्डे पर रोक दिया गया, जब वह लंदन जा रही थीं.

इससे पहले ईडी ने 1.7 करोड़ रुपये की संपत्ति (बैंक बैलेंस) कुर्क की थी. ईडी ने आरोप लगाया है कि अय्यूब ने राहत कार्य के लिए एनजीओ के फंड का दुरुपयोग किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने अय्यूब को मामले के सिलसिले में पूछताछ के लिए एक अप्रैल को तलब किया है.

इस मामले को लेकर महिला पत्रकार ने अपने ट्वीट में लिखा, जब मैं पत्रकारों को डराने-धमकाने के मुद्दे पर अपना भाषण देने के लिए लंदन जाने वाली अपनी उड़ान में सवार होने वाली थी, तभी मुझे रोक दिया गया. जर्नलिज्म फेस्टिवल में भारतीय लोकतंत्र पर मुख्य भाषण देने के तुरंत बाद मुझे इटली के लिए रवाना होना था.

बता दें कि फरवरी में मनी लॉन्ड्रिंग मामले प्रवर्तन निदेशालय ने पत्रकार राणा अयूब के 1.77 करोड़ रुपए जब्त किए थे. पत्रकार राणा अयूब के 1.77 करोड़ रुपये जब्त किए के बाद ईडी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने कथित तौर पर 3 अभियानों के लिए दिए गए दान का सही उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया. ईडी ने यह कदम उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर उठाया है.

ईडी अधिकारियों ने बताया था कि राणा अय्यूब ने कोविड, बाढ़ राहत और प्रवासियों के लिए तीन ऑनलाइन अभियान शुरू किए थे. यह एक तरह की क्राउड फंडिंग थी. उन्हें FCRA की मंजूरी के बिना विदेशी योगदान मिला. हालांकि, इनकम टैक्स और ईडी की कार्रवाई के बाद पत्रकार राणा ने विदेशी चंदा वापस कर दिया.

निजी खर्चों के लिए लिया चंदे का इस्तेमाल
विदेशी चंदे की वापसी के बाद भी उनके पास लगभग 2 करोड़ रुपए थे, लेकिन कथित तौर पर केवल 28 लाख रुपए का उपयोग किया गया था. ईडी का कहना हि कि उन्होंने गोवा की यात्रा जैसे निजी खर्चों के लिए चंदे का इस्तेमाल किया.

50 लाख रुपए की FD
राणा अय्यूब ने कथित तौर पर दान के पैसे का उपयोग करके 50 लाख रुपए की फिक्स डिपोजिट (FD) भी की थी. पूछताछ के दौरान उन्होंने ईडी को बताया कि एफडी इसलिए किया गया ताकि उसे कुछ ब्याज मिल सके और एक अस्पताल बनाया जा सके.