पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा एक रैली में चंडी पाठ किए जाने पर बीजेपी ने सवाल खड़े किए हैं. पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है- दस साल राज्य की मुख्यमंत्री रहने के बाद ममता बनर्जी को खुद हिंदू बताने के लिए चंडीपाठ करने की जरूरत पड़ रही है. उन्हें अपने विकास कार्यों के बारे में जनता को बताना चाहिए. आखिर उन्होंने ऐसा क्या गलत किया है जिसकी वजह से उन्हें स्टेज से चंडी पाठ करने की जरूरत आ पड़ी है.

दरअसल तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी मंगलवार को पार्टी का घोषणापत्र जारी होने के बाद नंदीग्राम पहुंची. यहां उन्होंने टीएमसी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. दीदी ने अपने संबोधन की शुरुआत चंडी पाठ के एक अंश से की. नंदीग्राम में अपने संघर्ष को याद कर ममता बनर्जी ने कहा- ‘मैं फिर से आपके पास आई हूं. इसबार भी आपका साथ चाहिए. बंटवारा करने वालों की बात मत सुनना.’

नंदीग्राम में ममता ने कहा- ‘मैं सबकुछ भूल सकती हूं, मगर नंदीग्राम को नहीं भुला सकती. दूसरी पार्टी बहुत कुछ बोलेगी, आप उनकी गलत बातों पर भरोसा मत करना. ये बंटवारा करने वाली पार्टी है.’ ममता ने आगे कहा- ‘मैं गांव की बेटी हूं. नंदीग्राम में संग्राम को नहीं भूल सकती. मुझे वहां आने से रोका गया था. मेरी गाड़ी पर गोलियां चलवाई गई थीं. मैं ही नंदीग्राम और सिंगूर को साथ लेकर आई. ये सीट खाली हुई है, इसलिए यहां से लड़ रही हूं. आप नहीं चाहेंगे, तो नंदीग्राम से नहीं लडूंगी.’

वहीं टीएमसी छोड़कर बीजेपी में पहुंचे दिनेश त्रिवेदी ने एक वेबसाइट से बातचीत में कहा है कि जब लोगों का विश्वास चला जाता है तब ये सब करना पड़ता है. तुष्टिकरण की राजनीति की वजह से आपको कठघरे में खड़े होकर प्रूव करना पड़ता है कि आप हिंदू हैं. ये सब देखकर दुख होता है.