बिहार सरकार के पशुपालन मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के अध्‍यक्ष मुकेश सहनी को आखिरकार सरकार से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया है। उत्‍तर प्रदेश के चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी से संबंध खराब होने के बाद वह लगातार ही राष्‍ट्रीय जनता दल के अध्‍यक्ष लालू यादव की तारीफ कर रहे थे। यह अलग बात है कि राजद की तरफ से मुकेश सहनी को कोई भाव नहीं दिया जा रहा है।

बता दे, पिछले दिनों उनकी पार्टी के सभी तीन विधायकों के भाजपा में शामिल हो जाने के बाद उनकी एनडीए से विदाई लगभग हो गई थी, लेकिन वे सरकार में मंत्री पद पर बने हुए थे।

भारतीय जनता पार्टी के बिहार अध्‍यक्ष संजय जायसवाल और अन्‍य नेता मुकेश सहनी पर लगातार मंत्रिमंडल से इस्‍तीफा देने का दबाव बनाए हुए थे। जायसवाल ने कहा था कि सहनी के कार्यकाल में बिहार के मछुआरों का सर्वाधिक अहित हुआ। वे मंत्रिमंडल में अपने सहयोगियों के पत्रों का जवाब तक नहीं देते थे। उन्‍होंने सहनी के खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही थी।

भाजपा नेताओं ने बतौर मंत्री सहनी के कार्यकाल की जांच कराने की मांग तक उठाई थी। बावजूद सहनी खुद इस्‍तीफा देकर मंत्रिमंडल से बाहर होने को तैयार नहीं थे। उन्‍होंने कहा था कि मंत्रिमंडल में रखना या नहीं रखना मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का विशेषाधिकार है और इस बारे में वे ही फैसला लेंगे।

विश्‍वस्‍त सूत्रों के मुताबिक मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्‍त करने की अनुशंसा कर दी है। अब उनकी अनुशंसा के आधार पर राज्‍यपाल फागु चौहान सहनी को बर्खास्‍त कर देंगे। बोचहां में विधानसभा के उप चुनाव और 24 सीटों के लिए विधान परिषद के चुनाव के बीच बिहार में राजद का स्‍वरूप अब पूरी तरह बदल गया है।