पश्चिम बंगाल में मॉब लिंचिंग के दौरान शहीद हुए बिहार के किशनगंज के जांबाज पुलिस इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार की मां का भी निधन हो गया है। अश्विनी कुमार की मां उर्मिला देवी 70 वर्ष की बुजुर्ग थी। रविवार की सुबह जैसे ही उन्होंने अपने बेटे के शहीद होने की खबर सुनी वो यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई और उनका निधन हो गया। उर्मिला देवी पहले से ही हर्ट की मरीज थी।
परिजन उनको बेटे की मौत की सूचना नहीं दे रहे थे लेकिन जैसे ही उन्हें यह सूचना मिली कि वह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई। अब एक ही घर से शहीद और उनके मां दोनों की अर्थी एक साथ निकलने वाली है। आज यानी रविवार को करीब 2 बजे गांव में ही दोनों का अंतिम संस्कार होगा। इस घटना की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। हर कोई शहीद दरोगा के बहादुरी कर्तव्यनिष्ठा और इमानदारी की प्रशंसा कर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार किशनगंज एसएचओ की हत्या मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। इस बात की जानकारी बिहार पुलिस मुख्यालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है।
मुख्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि एसएचओ हत्या मामले में नामजद अभियुक्तों के खिलाफ सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। वहीं, घटना में शामिल 03 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें मुख्य अभियुक्त फिरोज आलम (पिता- इनामुल हक), अबुजार आलम (पिता- इनामुल हक) और सहीनुर खातुन (पति- इनामुल हक) शामिल हैं।
घटना की जानकारी देते हुए पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि किशनगंज सदर के थाना प्रभारी अश्विनी कुमार सदर थाना क्षेत्र में बाइक चोरी की घटना की जांच के क्रम में एक आरोपी को पकड़ने ढेकसारा के पास एक गांव पहुंचे हुए थे। यहां के लोगों ने चोरी के आरोपी का घर पश्चिम बंगाल के पांतापाड़ा बता दिया।
इसके बाद पुलिस की टीम जैसे ही उस गांव में पहुंची, लोगों ने उन्हें घेर लिया। आसपास के लोग भी वहां जमा हो गए। इतने में पुलिस टीम भी खुद को बचाने में जुट गई. लोगों के हमले में मौके पर ही थाना प्रभारी की मौत हो गई। पूर्णिया प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुरेश कुमार चौधरी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि ‘शव को पुलिस ने कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।