मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक के कंसल्टिंग प्रदीप भंडारी को अवैध रूप से हिरासत में लिया था। सूत्रों ने बताया कि खार पुलिस स्टेशन में प्रदीप भंडारी को अपना फोन सौंपने और अनलॉक करने के लिए मजबूर किया गया। सूत्रों ने कहा कि ‘पुलिस ने कहा है कि वो कथित तौर पर ऊपर से उनपर दबाव बनाया जा रहा था। सोशल मीडिया पर #freepradeepbhandari के ट्रेंड होने और रिपब्लिक भारत पर चली खबरों के बाद पुलिस ने उन्हें रिहा कर दिया है।
हिरासत से बाहर आने के बाद प्रदीप भंडारी ने कहा, “समन के नाम पर इन्होंने मेरे साथ कस्टोडियल इंटेरोगेशन की। मेरे सभी फोन जब्त कर लिए। इन लोगों ने कहा कि इन्हें ऊपर से फोन आया था। महाराष्ट्र में पूरी तरह से अलोकतांत्रिक रूप से कार्रवाई की जा रही है।”
भंडारी के आसपास के पुलिस अधिकारी समेत 11 पुलिसकर्मी मौजूद थे। सूत्रों की रिपोर्ट है कि प्रदीप भंडारी का फोन अनलॉक करने के लिए एक आईटी व्यक्ति भी खार पुलिस स्टेशन पहुंचा था।
बता दें, मुंबई पुलिस द्वारा समन जारी होने के बाद प्रदीप भंडारी ने बिहार कवरेज को छोड़कर पटना से मुंबई पहुंचे थे।
थाणे के खार पुलिस स्टेशन में पेश होने के बाद प्रदीप भंडारी को हिरासत में ले लिया गया। जबकि उन्हें पहले ही कोर्ट से अग्रिम जमानत मिली है।
बता दें, भंडारी के खिलाफ मुंबई पुलिस ने एक शिकायत दर्ज की थी। आईपीसी की धारा188 के तहत – (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश देने की अवज्ञा), 353 (आईपीसी की अपनी ड्यूटी के निर्वहन से लोक सेवक को हिरासत में लेने के लिए हमला या आपराधिक बल) और बॉम्बे के 37 (1), 135 पुलिस अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज की गई थी। यह शिकायत उस समय दर्ज की गई थी, जब वह बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के कार्यालय को बीएमसी द्वारा तोड़ा जा रहा था, तो उस दौरान भंडारी रिपोर्टिंग कर रहे थे। भंडारी – सर्वे कंपनी के ‘जन की बात’ के संस्थापक हैं।
भंडारी ने ट्वीट किया है ‘मुंबई पुलिस मुझे अग्रिम जमानत आदेश के बावजूद अवैध रूप से मेरे फोन को जब्त करने, गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है। यह खार पुलिस स्टेशन में हो रहा है। न्यायालय की अवहेलना। यह आपातकाल है!’
Source: Republic Bharat -https://m-bharat.republicworld.com/india-news/general-news/pradeep-bhandari-said-custodial-interrogation-done-to-me-in-the-name-of-summoned