प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दुनिया भर के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से संवाद किया। इस दौरान पीएम ने छात्रों से कहा कि आपको भले कुछ विषय मुश्किल लगते हों, ये आपके जीवन में कोई कमी नहीं है। आप बस ये बात ध्यान रखिए कि मुश्किल लगने वाले विषयों की पढ़ाई से दूर मत भागिए। प्रधानमंत्री मोदी साल 2018 से परीक्षा से पहले छात्रों से चर्चा करते रहे हैं। पहली बार इसका आयोजन दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुआ था। ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के जरिए वह हर साल छात्रों से संवाद करते हैं और उन्हें परीक्षा के तनाव को दूर करने के उपाय सुझाते हैं।
कार्यक्रम के बाद सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की कथित सलाह पर प्रश्न उठाए जाने लगे। ऐसा कहा गया कि पीएम मोदी ने परीक्षा में पहले सरल प्रश्नों को हल करने के स्थान पर कठिन प्रश्नों को प्राथमिकता देने की बात कही है। कई पूर्व अधिकारियों, विपक्षी नेताओं एवं सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे आत्मघाती और आपत्तिजनक कहा।
PM की मखौल उड़ाने वाले विषय पर बिहार के तेज प्रताप यादव भी पीछे नही रहे, हालाकि उन्होंने खुद ज्यादा पढ़ाई नही की है लेकिन बात प्रधानमंत्री की तंग खिचाई की थी तो वो भला चुप क्यों बैठते। तेजप्रताप यादव ने ट्वीट कर लिखा, “देश का दुर्भाग्य है कि जिनके ख़ुद की “परीक्षा” का कोई अता-पता नहीं वो भी छात्रों के साथ “परीक्षा पर चर्चा” कर रहे हैं..!”
तेजप्रताप यादव के इस ट्वीट के बाद लोगो ने उनपर निशाना साधना शुरू कर दिया, एक यूजर ने लिखा, “देश का दुर्भाग्य है कि जिसके ख़ुद की डीग्री का कोई अता-पता नहीं वो उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को सर्टिफिकेट देता है”
मनोज नाम के यूजर ने लिखा, “शिक्षा की बात आप तो मत ही कीजिए तेजपत्ता भैया! कहीं किसी ने आपके लंगोट का नाड़ा खींच दिया तो पिंपिया के रोने लगेंगे! आप तो आप! आपके खानदान में जो डाक्टर बने हैं, वही कौन सा पहाड़ उखाड़ लिए हैं! जगजाहिर है सबकी शिक्षा-दीक्षा! रहने दीजिए, दू गो सट्ट सट्ट मारिए और सो जाइए!”
डॉ रिचा राजपूत ने लिखा, “आप तेजस्वी से ज़्यादा पढ़े है … वो नौवीं फैल है आप ने दसवी फ़ेल्ज़ किया है हमें तेजू भैया गर्व है”
हालांकि परीक्षा पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कठिन अध्यायों को पहले पढ़ने का सुझाव दिया न कि छात्रों को परीक्षा में कठिन प्रश्नों को पहले हल करने का। लेकिन कई बड़े अधिकारी, विपक्षी नेता और सामान्य लोग कन्फ्यूज हो गए। पीएम मोदी ने तो इसकी चर्चा की कि परीक्षा के दौरान अक्सर छात्रों को सरल प्रश्न पहले हल करने की सलाह दी जाती है लेकिन कहा यह कि पढ़ाई के दौरान पहले कठिन हिस्से से निपटना बेहतर है क्योंकि तरोताजा दिमाग और नई ऊर्जा के साथ शुरुआत करने से कठिन प्रश्न भी आसान हो जाते हैं। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि कठिन टॉपिक्स को छोड़ते रहने की आदत से नुकसान ही होता है। उन्होंने ऐसे टॉपिक्स को सॉल्व करने पर जोर दिया जिससे पढ़ाई में विश्वास हासिल किया जा सके।