3 महीने पहले हाथियों के गढ़ माने जाने वाले दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना में 350 से अधिक हाथियों की मौत की ख़बर आई थी. उस समय किसी को नहीं पता कि इतनी बड़ी संख्या में हाथियों की मौत का कारण क्या है. ऐसी घटना का होना किसी भी पर्यावरण और जीव जंतु प्रेमियों के लिए विचलित करने वाली है। इस तरह एक साथ सैकड़ों हाथियों का मरना बहुत बुरी खबर थी।
मगर अब इन सभी हाथियों की मौत का कारण पता चल गया है. बताया जा रहा है कि पानी में मौजूद साइनोबैक्टीरिया के कारण हाथियों की मौत हुई. दरअसल 2 जुलाई के आसपास बोत्सवाना के जंगलों में सैकड़ों हाथियों की लाशें देखने को मिली थीं, जिसके बाद से ही बोत्सवाना की सरकार हाथियों की रहस्यमयी मौत का पता लगाने में जुट गई थी की आखिर ऐसा क्या कारण है कि एक साथ इतने हाथियों को जान से हाथ धोना पड़ा।
इस मामले पर उस समय डॉयरेक्टर ऑफ कंजर्वेशन एट नेशनल पार्क रेस्क्यू डॉक्टर नील मैकेन ने गार्जियन से बात करते हुए कहा कि उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में इससे पहले प्राकृतिक रूप से हाथियों को मरते हुए कभी नहीं देखा न कभी सुना . ऐसी मौत अक्सर सिर्फ सूखे के दौरान होती है, लेकिन अभी तो पानी मौजूद है. उन्होंने सरकार द्वारा लैब टेस्ट के नतीजे का इंतजार करने की सलाह दी थी. सोशल मीडिया पर इस मामले पर खूब चर्चा हुई थी.
जुलाई महीने में हाथियों की सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई थीं, जिनमें जंगल में चारों तरफ हाथियों की लाशें ही लाशें देखी गई थी. ध्यान देने वाली बात यह है कि हाथियों की इस रहस्यमयी मौत का पहला मामला मई में सामने आया था. आगे यह सिलसिला चलता रहा और जून के अंत तक हाथियों की मौत का आंकड़ा 350 को पार कर गया था.
डिपार्टमेंट ऑफ वाइल्डलाइफ एंड नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर सिरिल ताओलो के मुताबिक उत्तरी बोत्सवाना और उसके ओकावैंगो डेल्टा में 350 से ज्यादा हाथियों के सड़े-गले शव बिखरे थे. हाथी की पहली रहस्यमयी मौत मई महीने में हुई थी. उसके बाद कुछ दिनों के अंदर ओकवैंगो डेल्टा में 169 हाथी मर गए. जून के मध्य तक हाथियों के मरने की संख्या लगभग दोगुनी हो गई. इनमें से 70 फीसदी हाथियों की मौत जलस्रोतों के आसपास हुई थी.