हाथरस में एक दलित लड़की के साथ जो दरिंदगी हुई, उससे पूरा देश गुस्से में है। लड़की के साथ हैवानगी करने वालों को फांसी देने की मांग उठ रही है। सोशल मीडिया पर एक फोटो चल रही है, जिसमें बताया गया है कि यह गैंगरेप पीड़ित लड़की है। लेकिन असल में जो फोटो दिखाई गई है, वह लड़की चंडीगढ़ की मनीषा है।
मनीषा यादव की दो साल पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। जाने-अनजाने में चंडीगढ़ की बेटी और उनके घरवालों के साथ अन्याय हो रहा है। आम पब्लिक ही नहीं, बल्कि बड़े-बड़े सेलिब्रिटी भी चंडीगढ़ की मनीषा की तस्वीर को वायरल करने में लगे हुए हैं।
देश के लोग भले ही मनीषा की तस्वीरों को सोशल मीडिया में पोस्ट कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं, लेकिन इसका खामियाजा मनीषा के घरवालों को उठाना पड़ रहा है। पिता के जख्म फिर ताजा हो गए हैं, जो अपनी जवान बेटी के चले जाने का गम भुलाने की कोशिश कर रहे थे।
मनीषा के पिता मोहन लाल यादव ने बताया कि उन्हें बेहद दुख हो रहा है कि उनकी बेटी की मौत के बाद भी बदनामी की जा रही है। मोहन लाल ने बुधवार को चंडीगढ़ के एसएसपी को इस संबंध में शिकायत दी है और कहा कि सोशल मीडिया पर उनकी बेटी की तस्वीरें वायरल होने से रोका जाए। अगर कोई ऐसा कर रहा है तो उन पर कार्रवाई की जाए।
पथरी की बीमारी थी
मनीषा यादव का परिवार रामदरबार काॅलोनी में रहता है। मनीषा की 21 जून 2018 को शादी हुई थी। उसे पथरी की बीमारी थी और दिनों दिन ये बीमारी बढ़ती गई। 22 जुलाई 2018 को मनीषा की मौत हो गई।
एडवोकेट अनिल गोगना ने बताया कि रेप पीड़ित के बारे में किसी भी तरह की जानकारी को सार्वजनिक करना दंडनीय अपराध है। ऐसा करने वालों पर आईपीसी की धारा 228(ए) के तहत कार्रवाई हो सकती है। इस धारा के तहत दोषियों को दो साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। पुलिस से मामले की जांच की मांग की जाएगी।
Source: Danik Jagran