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सोनू सूद के मदद वाले टीवीट पर लोगों ने उठाये सवाल, मनीष मुंद्रा ने भी किया रिएक्ट, बोले- ‘यह सब क्यू करना पड़ता है…’

पिछले वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान अभिनेता सोनू सूद ने कई प्रवासी मजदूरों और जरूरतमंदों की मदद की थी। वो मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान उनके घर तक बड़े शहरों से उनके घर तक पहुचाने का बंदोबस्त किया था। सोनू सूद द्वारा मदद का ये सिलसिला आज भी लगातार जारी है। लेकिन अब कई लोगों उनपर उंगली भी उठा यह है। इसके पीछे की वजह है कुछ सोशल मीडिया पोस्ट जिसे देखकर लोगों को उनपर संदेह होने लगा है।

सोशल मीडिया पर के यूजर्स कुछ दिनों से सोनू सूद पर फेक मदद करने का आरोप लगा रहे है। इसी कड़ी में जानेमाने फिल्म निर्माता मनीष मुंद्रा ने भी एक सोनू सूद को लेकर एक पोस्ट किया है। जिसमे उन्होंने सोनू सूद पर सवाल उठाया है। शुक्रवार को, उन्होंने एक पोस्ट का जवाब दिया जिसमें सोनू ने एक नेटिजन को आठ मिनट में ऑक्सीजन की आपूर्ति का आश्वासन दिया।

मनीष मुंद्रा ने फैक्ट नाम के एक ट्विटर यूजर का एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें लिखा है कि आठ मिनट में ट्वीट भी पढ़ लिया। ऑक्सीजन की व्यवस्था भी कर दी और टीम ऑक्सीजन लेकर निकल भी गई। इस पोस्ट को शेयर करते हुए मनीष मुंद्रा ने लिखा है कि “कभी कभी सोचता हूं..यह सब क्यूं करना पड़ता है किसी को? क्या मिलेगा इन सब से??”

इस पोस्ट के अलावे सोनू सूद की मदद वाले कार्य को लेकर सोशल में एक और पोस्ट चर्चा का विषय बना हुआ, जिसमें यूजर ने दावा किया है कि सोनू सूद का ‘खुलासा’ हो गया है। मोनिका नाम की यूजर ने दिल्ली ने दिल्ली के एक अस्पताल में तत्काल एबी + प्लाज्मा रक्त की आवश्यकता के बारे में एक पोस्ट बनाया। एक दिन से अधिक समय के बाद, अभिनेता ने जवाब दिया कि ‘प्लाज्मा डिलीवर हो गया है’।

हालांकि, उसी व्यक्ति ने खुलासा किया कि उसने यह देखने के लिए एक नकली अनुरोध किया था कि क्या वह इसके लिए काम करेंगे। यूजर ने बताया कि सोनू सूद की यह सूचना सही नहीं थी। इस दौरान उसने लिखा कि पिछली बार वो ‘उत्साहित’ थी, लेकिन अब उससे ‘इस घोटाले को रोकने’ और ‘नकली अनुरोध’ न करने का आग्रह किया।

न्यूटन, मसान जैसी फिल्मों को बनाने वाले मनीष मुद्रा ने सोनू सूद की मदद वाले पोस्ट पर सवाल उठाया है। बताते चले मनीष मुंद्रा खुद महामारी के दौरान लोगों की मदद कर रहे हैं। जबकि उन्होंने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) की आपूर्ति की थी, उन्होंने वेंटिलेटर भी दिए थे, इसके अलावा उन्होंने लॉकडाउन के दौरान डॉक्टर परामर्श हेल्पलाइन का समर्थन किया।