हल्द्वानी: दादी की मृत्यु के बाद तीन एकड़ जमीन को तीन भाइयों के नाम दर्ज करने के लिए रिश्वत मांगने वाले लेखपाल संतोष कुमार श्रीवास्तव पर कोर्ट ने सख्त कदम उठाया। अदालत ने दोषी को 3 साल के कारावास की सजा सुनाई है और 25 हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है।
वर्ष 2017 में विजिलेंस टीम ने संतोष कुमार श्रीवास्तव को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। जयंतनगर शक्तिफार्म, सितारगंज निवासी शंकर विश्वास ने सतर्कता कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी दादी की मृत्यु के बाद खतौनी से दादी का नाम हटाकर तीन भाइयों के नाम जमीन दर्ज कराने के लिए लेखपाल ने ढाई हजार रुपये रिश्वत मांगी। शिकायत पर विजिलेंस निरीक्षक प्रमोद कुमार शाह के नेतृत्व में ट्रैप टीम बनाई गई, जिसने 28 नवंबर 2017 को लेखपाल संतोष को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।
तीन साल की सजा और 25 हजार जुर्माना
गिरफ्तारी के बाद संतोष कुमार पर विजिलेंस थाने में मामला दर्ज किया गया और आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया गया। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी नीलम रात्रा की अदालत ने संतोष कुमार को दोषी मानते हुए तीन साल के कठिन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार रुपये जुर्माने का आदेश दिया। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जुर्माना न अदा करने की स्थिति में आरोपी को छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। यह फैसला भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़ा संदेश है।