आईटीडीए के तमाम कैल्क कंप्यूटर केंद्र प्रदेशभर में हैं। इनके माध्यम से और तमाम सरकारी डिग्री कॉलेजों के माध्यम से ये शॉर्ट टर्म कोर्स कराए जाएंगे। इसके लिए जल्द ही उच्च शिक्षा विभाग के साथ भी एमओयू किया जाएगा।
पर्वतीय जिलों के कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र अब डिजिटल मार्केटिंग करेंगे, ड्रोन टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी सीखेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर आईटीडीए इसकी तैयारी में जुट गया है। आईटी की सात से अधिक विधाओं में 10 हजार युवाओं को पारंगत बनाया जाएगा।
मैदानी शहरों में तो युवाओं के पास इन अत्याधुनिक कोर्स को करने के लिए तमाम संस्थान उपलब्ध हैं, लेकिन पर्वतीय जिलों में इनका भारी अभाव है, इसलिए सरकार विशेषकर पर्वतीय जिलों के ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे छात्रों के लिए यह योजना लेकर आई है।
आईटी विभाग के अफसरों का कहना है कि आईटीडीए के तमाम कैल्क कंप्यूटर केंद्र प्रदेशभर में हैं। इनके माध्यम से और तमाम सरकारी डिग्री कॉलेजों के माध्यम से ये शॉर्ट टर्म कोर्स कराए जाएंगे। इसके लिए जल्द ही उच्च शिक्षा विभाग के साथ भी एमओयू किया जाएगा। खास बात ये भी है कि ये कोर्स करने के लिए छात्र को कहीं बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
इसके बजाए उनके अपने ही कॉलेज में आईटी विशेषज्ञ उन्हें ये कोर्स कराएंगे। कोर्स अलग-अलग 150 से 400 घंटे का है। कोर्स करने वाले छात्रों को इसकी किताबी जानकारी के साथ ही व्यावहारिक जानकारी भी दी जाएगी। मसलन, अगर कोई ड्रोन तकनीकी पर कोर्स करना चाहता है तो उसे ड्रोन के माध्यम से भी सिखाया जाएगा।
एसएचजी में भी होगा लाभकारी
आईटी विभाग ने ये भी तैयारी की है कि इस कोर्स को स्वयं सहायता समूहों में काम करने वाली बेटियों को भी कराया जाएगा। इससे एक ओर जहां उनका एसएचजी ग्रुप और बेहतर चल सकेगा तो दूसरी ओर वह डिजिटल मार्केटिंग जैसी विधाओं से अपने काम को एक नई ऊंचाई दे सकेंगी।
ये कोर्स कराए जाएंगे
डिजिटल मार्केटिंग, नेटवर्किंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सिक्योरिटी, ड्रोन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस।