कृषि कानून के विरोध में किसान संगठनों के बुलाए गए भारत बंद का असर यूपी में कुछ खास नही रहा। प्रयागराज में बंद के समर्थन में सपा कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोक तो दूसरी तरफ गाजियाबाद में एनएच-9 पर भी प्रदर्शन किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जबरन दुकान बंद करवाने पर सख्त कार्रवाई के आदेश दे रखे थे।
समाजवादी पार्टी द्वारा प्रयागराज में ट्रेन रोकने का एक वीडियो को टैग कर पत्रकार रुबिका लियाकत ने सवाल उठाते हुए लिखा था ” बंद किसानों ने किया है या कार्यकर्ताओं ने। झंडे पर दिख रहा ट्रेक्टर है कि साइकल!!! सवाल सरल है- भारत बंद होगा तभी पार्टियों का काम होगा?”
गौरतलब हो, लखनऊ की पत्रकार रोहिणी सिंह ने भारत बंद को लेकर किया गया रुबिका लियाकत की एक रिपोर्ट जिसमे समाजवादी पार्टी पर सवाल उठाए गए थे को पोस्ट कीया और रुबिका के बारे में लिखा “जब पत्रकार सरकार द्वारा लिखी गयी ‘प्रेस रिलीज’ पढ़ कर सुनाने लगें तब लोकतंत्र कमजोर होना लाजमी है। यहाँ रुबिका लियाकत बता रही हैं कि किसानों को MSP देने से अर्थव्यवस्था की कमर टूट जाएगी। पत्रकारिता के भेष में बैठे ‘पार्टी प्रवक्ताओं’ को पहचानिए।”
रोहिणी सिंह के इस पोस्ट को देखकर रुबिका लियाकत ने उन्हें करारा जबाब दिया और लिखा, “इस महिला को मैं वैसे तो जानती नहीं लेकिन जब भी यूपी की एक क्षेत्रीय पार्टी का ज़िक्र करती हूँ तो बेचैन होकर अनायास ही मेरे टाईम लाइन पर कूद पड़ती हैं….बड़ा ही ‘फ़्लैट’ सा संयोग है…”
फिर क्या रोहिणी सिंह भी जबाब देने से पीछे नही हटी और रुबिका के लिए लिखा, “माफ कीजिएगा रुबिका लियाकत जी, आपको ‘पार्टी प्रवक्ता’ कह कर वाक़ई में मैंने आपके व्यक्तित्व के साथ न्याय नहीं किया। आपके तर्कों और चाटुकारिता का स्तर देख कर आपको ‘ट्रोल’ कहना ही उचित होगा। ‘मोदी जी आप थकते क्यूँ नहीं हैं’ वाली पत्रकारिता आपको मुबारक। भारत किसानों के साथ है।”
अब देखना यह होगा कि रुबिका लियाकत रोहिणी के इस आरोप पर क्या जबाब देती है।