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फरार निहा खान का कोई सुराग नहीं, कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका! जानिए कौन है

अलीगढ़: जमालपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में वैक्सीन भरी 29 सिरिंज कचरे में फेंकने के मामले में एएनएम निहा खान की अग्रिम जमानत हाईकोर्ट से खारिज हो गई है। इससे साफ है कि निहा खान जमानत की तैयारी में लगी थी। लेकिन, पुलिस को अभी त उसका कोई सुराग नहीं मिला है। हालांकि तीन टीमें निहा खान की तलाश में लगाई गई हैं। पुलिस ने निहा की तलाश भी तेज कर दी है।

क्या है पूरा मामला:-
जमालपुर स्वास्थ्य केंद्र में 22 मई को वैक्सीन एवं कोल्ड चैन मैनेजर ने निरीक्षण किया था। इसमें 29 ऐसी सिरिंज मिलीं, जिनमें वैक्सीन भरी हुई थी और हब कटा था। जांच में पता चला कि वायल से वैक्सीन भरने के बाद भी लाभार्थियों को टीके से वंचित रखा गया। संविदा एएनएम निहा खान को 29 टीके लाभार्थी को न लगाकर कचरे में फेंकने का दोषी माना गया। मुकदमे दर्ज करने के बाद पुलिस एएनएम की तलाश में जुट गई। उसके दस्तावेजों में कासगंज का पता दर्ज था। लेकिन, पुलिस कासगंज पहुंची तो पता गलत निकला। इसके बाद एटा की जानकारी मिली। वहां भी एएनएम नहीं मिली। उसके घर पर एक फोटोग्राफी की दुकान है, जो उसके पिता चलाते हैं। इसके बाद पुलिस लखनऊ व प्रयागराज भी गई। लेकिन, कुछ पता नहीं चला। हालांकि अब पुलिस को कुछ सुराग मिले हैं, जिनसे माना जा रहा है कि निहा अलीगढ़ में ही छिपी हो सकती है। एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि निहा की तलाश में टीमें लगी हुई हैं। सर्विलांस की मदद ली जा रही है। जल्द उसे पकड़ लिया जाएगा।

हाईकोर्ट ने कहा निहा खान को राहत नहीं दी जा सकती
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कालाबाजारी करने वाली महिला के संबंध में फैसला सुनाते हुए कॉविड टीके की भरी हुई सिरिंच को कचरे में फेंकने वाली नर्स की जमानत याचिका निर स्त कर दी है। अदालत ने इस महिला को जवाब देते हुए कहा कि कई लोगों को वहम में डाल कर उनके साथ खेल करना बहुत गलत बात है। अदालत ऐसी नर्स को राहत नहीं दे सकती। अदालत द्वारा महिला की सुनवाई करते समय जस्टिस राहुल चतुर्वेदी (Rahul Chaturvedi) की सिंगल बेंच ने मामले को सजहता से लेते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर याचिका पर निहा खान को कोई राहत नहीं दी जा सकती।

उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा निहा खान को जमानत देना गलत
निहा खान द्वारा दायर जमानत याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा गया है कि निहा खान को जमानत देता कानूनन रूप से गलत है। उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Govt.) की तरफ से पक्षकार मनीष गोयल (Manish Goel) और शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार (Ashutosh Kumar) ने कहा कि हमारे भारत देश में अभी सही वक्त नहीं चल रहा है। ऐसे हालातों में अगर सरकार किसी तरह से आम नागरिक को ब चाने का काम करती है। ऐसे में लोगों को अपना योगदान देना चाहिए।