New Delhi: देशभर में कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है, राहत की बात यह है कि भारत में रिकवरी रेट भी 78 फीसदी से ज्यादा है, गुरुवार को राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि ताली और थाली बजाने से कोरोना नहीं भागेगा, भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने आप सांसद को जवाब देते हुए कहा कि चरखा चलाने से अंग्रेज भाग गए थे क्या? सुधांशु त्रिवेदी ने संसद में संजय सिंह को जमकर लताड़ा और उदाहरण सहित ताली, थाली और दियाँ जलाने को लेकर अपनी बात रखी।

दरअसल गुरुवार को राज्यसभा में कोरोना वायरस पर चर्चा हो रही थी, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि मार्च-अप्रैल में पीएम मोदी के ताली-थाली बजाने के आह्वान पर चुटकी लेते हुए कहा कि अगर कोरोना को भगाने के लिए ऐसी कोई रिसर्च हो, तो वे भी प्रधानमंत्री के साथ ताली-थाली बजाने के लिए तैयार हैं।

इस पर भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कोरोना वायरस मानव जाति के इतिहास की ज्ञात अबतक की सबसे बड़ी आपदा है। जो लोग कह रहे हैं कि क्या ताली-थाली बजाने से कोरोना खत्म हो जाएगा। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या चरखा चलाने से आजादी मिली थी? उन्होंने संजय सिंह को घेरते हुए कहा, “चरखा चलाना एक प्रतीक था। ठीक उसी तरह ताली-थाली बजाना एक प्रतीक था जिसके जरिए कोरोना से जंग में जुटे लोगों का मनोबल बढ़ाने की कोशिश की गई।

भाजपा सांसद ने आगे कहा, “क्या सामाजिक मनोविज्ञान और राजनीतिक मनोविज्ञान हम नहीं समझते? मैं पूरे सम्मान के साथ कह रहा हूं कि क्या लोग इतिहास भूल गए? क्या चरखा चलाने से अंग्रेज भाग जाने वाले थे? चरखा एक प्रतीक था जिसे गांधी जी ने चुना। जैसे गांधी जी ने अंग्रेजों को भगाने के लिए चरखे को एक प्रतीक बनाया था। वैसे पीएम मोदी ने दीए को सामाजिक चेतना का एक प्रतीक बनाया।

Source: Best Hindi News