कोरोना महामारी ने कई लोगों के परिवार को उजाड़ कर रख दिया है। कई परिवारों के मुखिया को ये बीमारी काल के गाल में ले गई है जिससे उनके परिवार के सामने पालन पोषण का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कोविड-19 के कारण ऐसे परिवारों की सहायता का ऐलान किया था। परिवार का पालन पोषण करने वाले सदस्य की मृत्यु पर उसके परिवार के सदस्य को नौकरी देने का ऐलान किया था। इसी के तहत प्रदेश में पहला मामला बड़वानी में सामने आया है जहां ससुर और पति की मृत्यु के बाद बहू को ससुर की अनुकंपा नौकरी दी गई।

ससुर सहकारी साख समिति में कर्मचारी थे
दरअसल बड़वानी सहकारी साख समिति में सेवारत भगीरथ यादव जो कि संस्था में नियमित कर्मचारी के पद पर पदस्थ थे। जिनकी कोरोना संक्रमण के चलते अप्रैल में मौत हो गई। वहीं उनके बाद 17 अप्रैल को उनकी पत्नी किरण यादव की भी मौत हो गई जबकि 8 अप्रैल को बेटे प्रमोद ने भी कोरोना के चलते दुनिया छोड़ दी। घर मे सिर्फ प्रमोद की पत्नी शर्मिला व उसके दो बच्चे 6 वर्षीय शिवांस व 2 वर्षीय शिवाय ही शेष बचे थे।

विशेष प्रकरण मानकर मिली अनुकंपा
ऐसे में नियमों की बात करें तो अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता पति पत्नी या बच्चों को ही मिलती है, लेकिन मानवीय द्रष्टिकोण से जुड़ा मामला होने के कारण कलेक्टर बड़वानी ने शासन को उक्त मामले से अवगत करवाया और अनुशंसा कि के इस प्रकरण को विशेष प्रकरण मानकर अनुकम्पा नियुक्ति दी जाएं. जिसके बाद शासन द्वारा अनुमति मिल गई।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद फेसबुक पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “प्रदेश सरकार #COVID19 से प्रभावित परिवारों के साथ पूरी शक्ति के साथ खड़ी है। आवश्यकता होने पर नियमों में संशोधन कर भी जनता के हितों की रक्षा की जाएगी। मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे। #MPFightsCorona #IndiaFightsCorona

वहीं इस अनुकम्पा नियुक्ति मिलने के बाद शर्मिला ने मुख्यमंत्री व कलेक्टर का आभार माना है. महिला ने कहा के इस नियुक्ति से बच्चों का भविष्य सुधर जाएगा और खुद के सामने भी रोजी रोटी का संकट नहीं होगा।