अर्णब गोस्वामी को बुधवार को मुंबई पुलिस ने एक पुराने केस में गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें न्यायीक हिरासत में रखा गया है। अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर सोशल मीडिया दो धड़ो में बटा हुआ है। राष्टवादी उनके समर्थन में आवाज बुलंद कर रहे है तो वही दूसरी तरफ कुछ स्वयंभू पत्रकार मजे लेने से नही चूक रहे है।
अर्णब की गिरफ्तारी के बाद NDTV पत्रकार रवीश कुमार ने फेसबुक पर बहुत लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है। उनके इस पोस्ट को देखकर अंदाज लगाया जा सकता है कि अर्णब की गिरफ्तारी से उन्हें कितनी खुशी हुई है। इस पोस्ट में उन्होंने अर्णब गोस्वामी के मुंबई स्थित घर के बारे में लिखा है-
रवीश कुमार के उस पोस्ट के कुछ अंश:-
” मैं अर्णब का घर देखकर हैरान रह गया। रोज़ 6000 शब्द टाइप करके मैं गाज़ियाबाद के उस फ्लैट में रहता हूं जिसमें कुर्सी लगाने भर के लिए बालकनी नहीं है। अर्णब का घर कितना शानदार है। ईर्ष्या से नहीं कह रहा। मुझे किसी का भी अच्छा घर अच्छा लगता है। एक रोज़ किसी अमीर प्रशंसक ने घर आने की ज़िद कर दी और आते ही बच्चों के सामने कह दिया कि बस यही घर है आपका। हम तो सोचे कि आलीशान फ्लैट होगा। एक मोहतरमा तो रोने लगीं कि मेरा घर ले लीजिए। कोरोना के कारण जब घर से एंकरिंग करने लगा तो मेरे घर में झांकने लगे। उन्हें लगा कि रवीश कुमार शाहरूख़ ख़ान है। जल्दी उन्हें मेरे घर की दीवारों से निरशा हो गई। मैं ठीक ठाक कमाता हूं और किसी चीज़ की कमी नहीं है। मुझे अपना घर बहुत अच्छा लगता है। मेरी तेरह साल पुरानी कार को देखकर कई बार लोगों को लगा कि किसे बुला लिया अपनी महफिल में। वैसे ईश्वर ने सब कुछ दिया है। लोगों ने इतना प्यार दे दिया कि सौ फ्लैट कम पड़ जाएं उसे रखने के लिए। मैं अर्णब के शानदार घर के विजुअल के सामने असंगठित क्षेत्र के एक मज़दूर की तरह सहमा खड़ा रह गया। मैं क्या बोलता, मेरे बोले का कोई मोल है भी या नहीं। एक अदना सा पत्रकार एक चैनल के मालिक के लिए बोले, यह मालिकों का अपमान है।
मैं तो बस अर्णब के घर की ख़ूबसूरती में समा गया। कल्पनाओं में खो गया। ड्राईंग रूम की लंबी चौड़ी शीशे की खिड़की के पार नीला समंदर बेहद सुंदर दिख रहा था। अरब सागर की हवाएं खिड़की को कितना थपथपाती होंगी। यहां तो क़ैदी भी कवि हो जाए। मुझे इस बात की खुशी हुई कि अर्णब के दिलो दिमाग़ में जितना भी ज़हर भरा हो घर कैसा हो, कहां हो, कैसे रहा जाए इसका टेस्ट काफी अच्छा है।”
घर वाली कॉलम को पढ़कर ऐसा लगता है कि रवीश कुमार अर्णब की तरक्की से काफी नाखुश है। खैर ये उनका पर्सनल सोच है लेकिन उन्होंने इस बात को सोशल मीडिया पर लिखा है तो छीछालेदर होना स्वाभिक है।
रवीश के पोस्ट में अर्णब के घर को लेकर की गई टिप्पणी दूरदर्शन के न्यूज पत्रकार अशोक श्रीवास्तव को नागवार गुजरी और उन्होंने रविश को उन्ही की शब्दों में मुँहतोड़ जबाब दिया। अशोक श्रीवास्तव ने लिखा, “#महाराष्ट्र पुलिस के #अर्नब_गोस्वामी के साथ उनके घर में की बदसलूकी के वीडियो में मेरे मित्र #RavishKumar को सिर्फ अर्नब का बंगला दिखा !वो अर्नब के बंगले को देख कर खुद को छोटा महसूस कर रहे हैं।
मित्र रवीश, गूगल पर आपकी संपति को देख मेरे जैसे सभी पत्रकारों को आपसे ईर्ष्या हो रही है”
एक बात तो साफ है कि अभिव्यक्ति की आजादी इस देश मे सिर्फ रविश कुमार जैसे लोगो के लिए ही है और अर्णब जैसे लोंगो की आवाज दबा दी जाती है।