आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) की अवाम को शहबाज शरीफ सरकार हर रोज एक नया झटका दे दे रही है. अभी पिछले दिनों ही एक बार फिर से बिजली की दरों में हुई बढ़ोतरी महंगाई से जूझ रही पाकिस्तानी जनता पर आफत बनकर गिरी है. अब पाकिस्तानी अवाम दिन गिन रही है कि कब शहबाज शरीफ सरकार का महंगाई बम उनके ऊपर फूटेगा और पाकिस्तान का पूरा सिस्टम धराशाई हो जाएगा. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार दो-ढाई अरब डॉलर तक गिर चुका है.

आर्थिक संकट पर काबू पाने के लिए पाकिस्तान की सरकार इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) का मुंह देख रही है. लेकिन फिलहाल IMF ने एक अरब डॉलर के कर्ज देने पर चुप्पी साध ली है.  

इधर पाकिस्तान में शहबाज सरकार अध्यादेश लाकर IMF की शर्तें मानने का दावा कर रही है. लेकिन पाकिस्तान के कटोरे में अभी तक भीख पड़ी नहीं है. लेकिन अवाम के बीच कोहराम मच गया है. आटे से लेकर दूध और चावल तक की कीमतें आसमान छू रही हैं. पाकिस्तान में आटा फिलहाल 120 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. चावल 200 रुपये किलो, दूध 150 रुपये लीटर, आलू 70 रुपये किलो, टमाटर 130 रुपये किलो और पेट्रोल 250 रुपये लीटर बिक रहा है.

 चायपत्ती की कीमतों में भी भारी उछाल आई है. पिछले एक हफ्ते के अंदर एक किलो चाय की कीमत में 500 रुपये की बढ़ोतरी देखी गई है. पाकिस्तान में सामान्य चाय पत्ती की कीमत बढ़कर 1600 रुपये किलो पहुंच गई है. क्योंकि सप्लाई बाधित है. दूसरे देशों से मंगाई गई चाय पत्ती की खेप बंदरगाह पर अटकी हुई है, क्योंकि पाकिस्तानी सरकार का खजाना खाली है और भुगतान नहीं होने की वजह से डिलीवरी नहीं हो पा रही है. 

दरअसल, पाकिस्तान में IMF की ओर से मिलने वाले कर्ज का अभी कोई पता नहीं है. हुकूमत अध्यादेश लाकर बिजली, पेट्रोल, गैस सब महंगा करने वाली है. हकीकत तो ये है कि पाकिस्तानी जब रोटी के बिना तड़पने लगते हैं तो शहबाज सरकार गेहूं का इंतजाम करने दौड़ती है, जब रोटी मिल जाती है तो पेट्रोल खत्म होने लगता है. पेट्रोल का जुगाड़ होता है तो रसोई गैस खत्म होने लगती है, जब रसोई गैस का इंतजाम होता है तो बिजली गुल हो जाती है और जब बिजली बहाल की जाती है तो फिर फंड का अकाल पड़ जाता है. 

पाकिस्तानी मुद्रा (Pakistan Rupee) डॉलर के मुकाबले गिरकर 275 पर पहुंच गई है. यह ऑल टाइम लो लेवल है. खाने-पीने सहित सभी चीजों के दाम आसमान पर हैं. महंगाई (Inflation) बढ़कर 27 फीसदी से अधिक हो गई है. पाकिस्तान में महंगाई करीब 50 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है.

विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) 1998 के बाद अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया है. यह केवल 3 अरब डॉलर रह गया है. इससे पाकिस्तान एक महीने का आयात भी कवर नहीं कर पाएगा.