न्यूज़ चैनल आजतक पर डिप्टी एडिटर और एंकर के तौर पर काम करने वाली एंकर चित्रा त्रिपाठी कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैँ। बीते दिनों में चित्रा त्रिपाठी हाथरस कांड को लेकर अचानक चर्चा में आ गयी थी और यह मामला था हाथरस के एसडीएम (आईएएस अधिकारी) के साथ हुई बहस के कारण, और अब चित्रा त्रिपाठी के कोरोना पॉजिटिव होने को लेकर तंज कसने के दौर शुरू हो गया है।

आजतक न्यूज़ चैनल में बतौर डिप्टी एडिटर और एंकर की भूमिका में कार्य करने वाली महिला पत्रकार चित्रा त्रिपाठी बीते दिनों जांच में कोरोना पॉजिटिव पाई गई है इस बारे में चित्रा ने सोशल मीडिया पर जानकारी मुहैया कराई, चित्रा ने बताया कि हाथरस मामले में वह ग्राउंड ज़ीरो पर रिपोर्टिंग करने के लिए उपलब्ध थी उसी दौरान वहां काफी संक्रमितों के जमा होने की वजह से ऐतिहात नहीं रख पाई जिस वजह से उन्हें संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। चित्रा त्रिपाठी ने अन्य लोगों को अपना ख्याल रखने की बात भी कही है।

एसडीएम साहब ने कसा तंज:
इस ट्वीट के बाद हाथरस के एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा ने ट्विटर पर ही चित्रा को जल्द स्वस्थ्य होने की कामना के साथ तंज कर दिया और उस ट्वीट में ही एक जगह कर्म का हैशटैग लगा दिया जिसको लेकर बवाल खड़ा हो गया। दरअसल एसडीएम साहब यह कहना चाह रहे थे कि जो जैसा कर्म करता है वैसा ही फल पाता है।

और रही सही कसर भाजपा के नेता शलभ मणि त्रिपाठी जी ने पूरी कर दी, उन्होंने एसडीएम साहब के ट्वीट को री ट्वीट कर दिया जिसपर चित्रा त्रिपाठी ने उन्हें उनकी पार्टी में संक्रमितों की स्थिति मृत्यु इत्यादि के बारे में आंकड़े गिनवा दिए और साथ में यह भी बताया कि एसडीएम साहब नए है और जोश में है।

चित्रा त्रिपाठी यही नही रुकी उन्होंने एक और ट्वीट किया और लिखा “मैं तो ठीक हूँ,ज़्यादा बीमार पड़ी तो भी ठीक हो जाऊँगी। मेरे हाथ में उम्र की लकीरें बहुत लंबी हैं। मगर आप जिस मानसिक विकलांगता का शिकार #कोरोना पर दिख रहे हैं,उसके लिये तो मैं श्री राम से प्रार्थना करुंगी। कोरोना से संघर्ष कर रहे हर किसी के बेहतर स्वास्थ्य की मैं कामना करती हूँ??”

मामला जो भी हो न तो एसडीएम साहब का किसी की महामारी जैसी भयावह स्थिति में तंज कसना जायज लगा न ही शलभ मणि त्रिपाठी जी का साइलेंट समर्थन और न ही चित्रा त्रिपाठी जी का भाजपा के नेताओं की बीमारी के साथ मौत का आंकड़ा देना। महामारी है किसी को भी हो सकती है, प्रोफेशनल जीवन और निजी जीवन मे बहुत बारीक अंतर है लेकिन बेहद जरूरी होता है, यह बरकरार रहना चाहिए ।