हाथरस मामले में योगी सरकार ने कल 2 अक्टूबर को बड़ी कार्रवाई करते हुए एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर समेत कई अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। योगी सरकार ने साथ ही सभी का नार्को टेस्ट कराने का निर्देश भी दिया है इसमें आरोपी, पीड़ित परिवार, और पुलिसकर्मियों को शामिल होना होगा। योगी सरकार ने यह कार्रवाई प्राथमिक जाँच के आधार पर की है।
योगी सरकार के इस फैसले से विपक्ष खासी संतुष्ट नजर नही आ रही है। क्योंकि नार्को टेस्ट से सच्चाई सबके सामने आ जायेगी। इस केस में अब तक जो कुछ भी हुआ है वह काफी संदेहास्पद रहा है। पीड़ित परिवार बार-बार अपना वयान बदलते रहती है। इस मामले को राहुल और प्रियंका गांधी द्वारा सियासी मुद्दा बनाये जाने के बाद नार्को टेस्ट ही एक विकल्प है जिससे सच सामने आयेगा।
योगी सरकार के नार्को टेस्ट कराए जाने के फैसले के बाद प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है। उन्हीने ट्विटर पर लिखा, “यूपी सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है। पीड़िता को इलाज नहीं मिला, समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है, उन्हें दबाया जा रहा है – अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा। ये व्यवहार देश को मँजूर नहीं। पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए।”
मीडिया के लोगो का भी ऑडियो टेप सामने आया है जिसमे पीड़िता के भाई को कहा जा रहा है कि “तुम अपने पिताजी का एक वीडियो बनाओ और हमे दो” मीडिया कर्मी यह भी कहती पाई गई कि “तुम किसी भी तरह पिता जी का एक वीडियो बनाओ जिसमे उनसे ये कहलवा दो की हमपर प्रेसर दिया जा रहा है। नही तो वो लोग सारा कुछ परिवार पर ही थोप देंगे कि परिवार के लोगो ने ही ये सब किया है।
इंडिया टुडे ने इस पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए इसे ‘अवैध फोन टैपिंग’ का मामला करार दिया है। ‘इंडिया टुडे’ ने अपने बयान में कहा है कि उत्तर प्रदेश के पुलिस-प्रशासन ने मीडियाकर्मियों को हाथरस में घुसने से रोक रखा है और पीड़िता के परिवार को मीडिया से बात नहीं करने दिया जा रहा है।