हाल ही में मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को जब एक बंद पड़े केस में गिरफ्तार किया था तो उस समय शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा था कि महाराष्ट्र में कानून का राज है, यहाँ पुलिस स्वतंत्र है। आज ( 24 नवंबर, 2020 ) को जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक के बेटे बिहंग को पैसे की हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार करके ले गई तो संजय राऊत का बयान बदल गया. कल तक कानून की दुहाई देने वाले संजय राउत को आज शिवसेना विधायक के बेटे की गिरफ़्तारी पर राजनीति दिखनी लगी, इसे दोगलापन न कहा जाय तो क्या कहा जाय।
दरअसल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार ( 24 नवंबर, 2020 ) को सुबह शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक के आवास और दफ्तर पर छापेमारी की, इस दौरान ईडी ने प्रताप सरनाइक के बेटे को गिरफ्तार कर लिया। शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक के बेटे की गिरफ्तारी के बाद संजय राउत को लोकतंत्र याद आ गया।
संजय राउत का कहना है कि महाराष्ट्र को बदनाम करने का षड़यंत्र है. भाजपा राजनीति कर रही है, महाराष्ट्र में एजेंसी का उपयोग कर कोई यहां की सरकार गिराना चाहता है तो वह मूर्ख है. उन्होंने कहा, कोई भी विधायक दबाव में नहीं आने वाला है. कुछ भी कर लो हम घुटने टेकने वाले नहीं हैं।
वहीँ जब अर्नब गोस्वामी को एक बंद पड़े केस में मुंबई पुलिस ने जब गिरफ्तार किया था बर्बरतापूर्वक तब संजय राऊत ने पुलिस की आलोचना करने के बजाय समर्थन किया था। महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की पीट-पीटकर ह्त्या कर दी गई तब संजय राउत को लोकतंत्र याद नहीं आया। खामोश रहे। मुंबई में अभिनेत्री कंगना रनौत का दफ्तर तोडा गया तब भी संजय राउत के हिसाब से लोकतंत्र सुरक्षित था। एक रिटायर्ड नेवी अफसर को पीटा गया मुंबई में तब भी लोकतंत्र एकदम चौचक था।
जैसे ही ठाणे से आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शिवसेना विधायक के बेटे को पैसे की हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार करके ले गई तो तुरंत संजय राउत को लोकतंत्र खतरे में दिखने लगा।