दलित बनाम सवर्ण हमारे समाज और भारतीय राजनीति का एक ऐसा मुद्दा जिसे हर राजनीतिक पार्टी अपने सियासी फायदे के लिए इस्तेमाल करने का काम करती है। सिर्फ नेता ही नही बल्कि आज आलम यह है कि न्यूज़ चैनल भी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए ऐसे मुद्दो को दिन रात टीवी पर प्रसारित करते है।

हाल के दिनों में आपने देखा कि किस तरह से हाथरस मामले में एकतरफा रिपोर्टिंग हुई और बिना जांच पड़ताल के मीडिया ने फैसला भी सुना दिया। विपक्षी पार्टीयो के नेता अपनी राजनीतिक जमीन वापस पाने के लिए दिन रात हाथरस में डेरा जमाए हुए दिखे। चाहे सच्चाई कुछ भी हो इनका मकसद सिर्फ अपना रोटी सेकना है।

अब जरा आप आशुतोष गुप्ता नाम के इस पत्रकार को देखिए इन्होंने तो हद्द ही कर दी। इन्होंने हमेशा दलित कार्ड खेलकर अपना भरण पोषण किया है। चाहे राजनीति हो या फिर इनकी घिसी-पीटी पत्रकारिता। जनाब ट्वीटर पर बाकायदा पोस्ट करके पूछ रहे है “टीवी पर करौली और हाथरस पर जम कर डिबेट हो रही है और एक भी पैनलिस्ट दलित समुदाय का नहीं दिखायी पड़ता । होना चाहिये ।”

आशुतोष के इस तरह के बेतुके ट्वीट पर लोगो ने जमकर लताड़ लगाई।

https://twitter.com/advkrishna89/status/1314821465292730368?s=19