समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं। हाल में कई मुस्लिम नेताओं ने सपा के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की है। ताजा नाम सलमान जावेद राईन का है। राईन ने न केवल पार्टी से इस्तीफा दे दिया बल्कि पार्टी नेतृत्व को ‘कायर’ तक कह दिया। सलमान सुलतानपुर से सपा नेता और पार्टी के विधानसभा सचिव हैं।
11 अप्रैल को सलमान जावेद राईन ने एक लेटर जारी करके अपने इस्तीफे का ऐलान किया था जो बाद में सोशल मीडिया में वायरल हुआ। उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर भी यही लिखा है: मुसलमानों के साथ हो रहे जुल्म के खिलाफ, प्रदेश से लेकर जिले तक सत्ता की मलाई खानवे वाले समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों, नेताओं का आवाज न उठाना, आजम खां साहब को परिवार सहित जेल में डाल दिया गया। शहजिल इस्लाम का पेट्रोल पंप गिरा दिया गया। अखिलेश यादव खामोश रहे।’ इसमें आगे लिखा है, ‘जो कायर नेता अपने विधायकों के लिए आवाज नहीं उठा सकता वो आम कार्यकर्ता के लिए क्या आवाज उठाएगा… ?
यूपी विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद सदस्यता से इस्तीफा देते हुए यूपी विधानसभा को अगले पांच साल के लिए अपना कार्यक्षेत्र के रूप में चुना। वह नेता प्रतिपक्ष बने। इसके पीछे उनकी मंशा यूपी में रहकर मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने और सपा को बीजेपी के विकल्प के रूप में पेश करने की थी। लेकिन सपा का अहम वोट बैंक माने जाने वाले मुस्लिम समुदाय के नेता पार्टी से खासे खुश नजर नहीं आ रहे।
राईन से पहले संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क (Shafiqur Rehman Burq) का बयान आया तो चर्चा बन गया। शफीकुर्रहमान बर्क ने पिछले दिनों साफ कह दिया, ‘पूरी समाजवादी पार्टी मुसलमानों के लिए काम नहीं कर रही है। हम उनके काम से संतुष्ट नहीं हैं।’
बर्क के बयान के बाद आजम खान के खेमे से अखिलेश पर हमला हुआ। रामपुर में आजम खान के करीबी माने जाने वाले और मीडिया प्रभारी फसाहत अली शानू ने रविवार को सीधे अखिलेश यादव पर निशाना साध लिया। उन्होंने कहा कि हम किससे कहें, हमारी तो समाजवादी पार्टी भी नहीं है, जिसके लिए हमने अपना खून का एक-एक कतरा बहा दिया था। हमारी शिकायत समाजवादी पार्टी से है। हमारे कपड़ों से राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को बदबू आती है। हमारे स्टेजों पर हमारा नाम नहीं लेना चाहते हैं।