रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी ने आपनी जान को खतरा बताया है। उन्होंने मुंबई पुलिस पर उन्हें पीटने का आरोप लगाया है। आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने मामले में अर्नब को पुलिस ने चार नवंबर को गिरफ्तार किया था। अर्णब ने पुलिस पर पिटाई करने का आरोप लगाया है जिससे उन्हें काफी चोट आई है।
अर्णब गोस्वामी को जमानत नही मिलने और पुलिस द्वारा उनके साथ मारपीट किये जाने को लेकर सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों का गुस्सा साफ दिखाई दे रहा है। हर कोई महाराष्ट्र सरकार को इस कृत्य के लिये कोस रहा है तो वही BJP और केंद्र सरकार की चुप्पी पर भी लोग सवाल उठा रहे है।
गौरतलब हो मशहूर पत्रकार सुशांत सिन्हा ने भी अर्णब गोस्वामी की रिहाई को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने अर्णब गोस्वामी के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के ऊपर लिखा, “अगर पत्रकारों से यही बर्ताव होना है तो बेहतर है कि आदमी वामपंथी गैंग का हिस्सा बन जाए।कम से कम उनके साथ एक चींटी भी काटेगी तो पूरी फौज तो होगी आसमान सिर पर उठाने,अवार्ड वापस करने,लोकतंत्र की हत्या बताने को।राष्ट्रहित में बोलकर क्या मिलना है,गृहमंत्री का एक ट्वीट और PM की चुप्पी?”
सुशांत सिन्हा ने एक दूसरा ट्वीट किया और गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, “माना कि अर्नब को जमानत कोर्ट से मिलनी है पर देश के गृहमंत्री @AmitShah ये भी सुनिश्चित नहीं कर सकते क्या कि एक पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार ना हो? क्या सिर्फ एक ट्वीट कर देने से ज़िम्मेदारी खत्म? अब तो लग रहा है कि बीजेपी को भी अपनी सियासत दिख रही,पत्रकार के साथ जो हो रहा वो नहीं।”
कोर्ट सोमवार को सुनायेगा फैसला
बंबई उच्च न्यायालय 2018 में एक इंटीनियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी और दो अन्य लोगों की तरफ से दायर अंतरिम जमानत याचिका पर सोमवार को फैसला सुनाएगा। न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे तथा न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक की पीठ ने शनिवार को याचिकाओं पर दिनभर चली सुनवाई के बाद तत्काल कोई राहत दिए बिना फैसला सुरक्षित रख लिया था।